Language: Hindi
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संदलकी छॉहों में दोनोंगा प्यार पले।जितेंद्रकमलआनंद(१०६)
Jitendra Anand
खुशबू बिखर गयी ,धरती निखर गयी:जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट१०४)
Jitendra Anand
शांत और मुक्त भी मैं ,निर्भय हूँ निराश्रय:: जितेंद्रकमलआनंद( पोस्ट१०३)
Jitendra Anand
ज्ञान,ज्ञेय,ज्ञाता की नहीं कोई वास्तविकता: जितेंद्रकमलआनंद(पोस्ट ९८/ १०२)
Jitendra Anand
सूर्य अग्रसर उत्तर दिशि में :: जितेंद्रकमलआनंद ( ९७/ १०२)
Jitendra Anand
नव्य वर्ष शुभ मंगलमय है ! -- जितेंद्रकमलआनंद ( १०२)
Jitendra Anand
आऩंद - अणु से मिलनातुर :: जितेंद्रकमल आनंद( पोस्ट१०१)
Jitendra Anand
सृष्टा की यह सृष्टि याकि विश्व की : जितेंद्रकमलआनंद ( १००)
Jitendra Anand
आत्मा से विश्व है, यह विश्व भी मैं :: जितेंद्रकमलआनंद ( पोसंट९९)
Jitendra Anand
आनंद- पथ पर ,प्रकाश की ओर:: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट९६)
Jitendra Anand
वह स्वयं में व्याप्त है ::: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट९५)
Jitendra Anand
आनंद प्रवाह : यदि तुम अपनी चेतना :: जितेन्द्र कमल आनंद ( ९४)
Jitendra Anand
परमब्रह्म सबको चाहता भरपूर हैैैै :: जितेन्द्रकमल आनंद ( ९३)
Jitendra Anand
यहॉ - वहॉ , जहॉ- तहॉ सब ही जगह वह: जितेनà¥à¤¦à¥à¤° कमल आनंद ( पोसà¥à¤Ÿà¥¯à¥¨)
Jitendra Anand
शाश्वत सुमूल्यों का ग्रहण ::: जितेन्द्रकमल आनंद ( पोस्ट९०)
Jitendra Anand
अध्यात्म के बिना ज्ञान ::: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट८९)
Jitendra Anand
जगी भावना भक्ति,- भाव की ::: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट८६)
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कवि का केवल कर्म नहीं हैं ,कविता ::: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट८५)
Jitendra Anand
देश हमारा भारत सुंदर ::: जितेंद्र कमल आनंद ( पोस्ट ८४)
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गीत यह वरदान हो ! :::: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट८२)
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खोलो उर के द्वार ,बंद ऑखों को खोलो :: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट८१)
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ग्वाल वाल राधिका-- गोपियों से अंतस: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट८०,गीत)
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कविकेगीत वसंतीऋतुमें पवने भीमनमोहितकरते( गीत)जितेंद्रकमलआनंद( पोस्ट७९)
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जब से धरती बनी ,प्रकटे तारक चंद्र। जितेंद्र आनंद( पोस्ट ७८)
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शिखरिनी ( हाइकू):: जितेंद्रकमलआनंद: जग असार( पो ७७)
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शिखरिनी छंद( हाइकू ) जितेंद्रकमलआनंद: गुरु सकाश( पोस्ट७६)
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भोगमें होगा अहम् तो भोग मिल जायेगा:: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट७४)
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चाहते न थोपना पर, हम ज्ञान :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट७३)
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जीवन व्यक्त हुआ,परमब्ह्म से :: जितेन्द्रकमल आनंद ( पोस्ट७२)
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जीवन से जन्म हुआ,जीवन ही तो लक्ष्य है:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट७१)
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अद्वैत है एकात्म,सभी चराचर मात्र ही:: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट७०)
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राजयोगमहागीता: निरंजन निर्पेक्ष हैनिस्पृह स्वयं सिद्ध:: जितेन्द्र कमलआनंद( पो ६९)
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राजयोगमहागीता: आत्मज्ञानपरमसत्य: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट६८)
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राजयोगमहागीता:: सारात्सार: जितेंद्रकमलआनंद( पोस्ट६७)
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राजयोग महागीता:: गुरु ही हैं धर्म,निष्ठा तप, परमार्थ वह:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट६६)
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राजयोगमहागीता: गुरुप्रणाम:: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट६५)
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राजयोगमहगीता: गुरुप्रणाम! जितेंद्रकमलआनंद( पोस्ट६४)
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राज योग महागीता: गुरुप्रणाम: ज्ञानकी जो मूर्ति हैं:: जितेन्द्र कमल आनंद: (पोस्ट६३(
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राजयोगमहागीता:: गुरुप्रणाम:: मेरेतो परमात्मा : जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट६२)
Jitendra Anand
नित्य ही आनंदके जो दाता ज्ञानके परम:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट ६१)
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गुरु प्रणाम ::: जितेन्द्र कमल आनंद ::घनाक्षरी ( पोस्ट६०)
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राजयोगमहागीता:: ध्यान निराकार से तो सुगम साकारकर: जितेन्द्र कमलआनंद( पोस्ट५९)
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राजयोगमहागीता: गोकुलका धामप्यारा, नारायण- सतनाम: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट५८)
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सारंगों के नयन आज फिर भर आये:: जितेंद्रकमल आनंद( गीत)पोस्ट५३
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राजयोगमहगीता: गोविंद भी नाम जिनका है गोवर्धनधारी: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट५४)घनाक्षरी
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राजयोगमहागीता: वासुदेव,केशवकीमाधवकीमोहिनीसी:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट५३) घनाक्षरी
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राजयोगमहागीता" ओंकार,अघनाशक,परमआनंदहैंजो( घनाक्षरी, पोस्ट५२- जितेन्द्र कमल आनंद
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समय बदलते सूखी धरती मुस्काती:: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट ५१)
Jitendra Anand
समझा है कभी नारी नज़ाकत को क्या-- जितेन्द्र कमल आनंद ( ५३)
Jitendra Anand
ये फोज़ी हर बार लड़ा करते हैं-- जितेन्द्र कमल आनंद ( ५१)
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