DESH RAJ Tag: कविता 48 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid DESH RAJ 26 Mar 2023 · 1 min read " माँ का आँचल " माँ के आँचल का सौदा करके अपना आशियाना बना रहे, उसके फूलों को तार-२ कर दूसरे का गुलशन महका रहे I जिसने “भूख” नहीं देखी वो रोटी की कीमत क्या... Hindi · कविता 820 Share DESH RAJ 26 Jan 2023 · 1 min read सच्ची पूजा ताकत और कुर्सी का ऐसा रुतबा देखकर मेरी आँखें शरमा गई, वतन पर जान न्यौछावर करने वाले शहीदों की याद आ गई I फूलों की कलियों पर रुतबे की चाबुक... Hindi · कविता 1 261 Share DESH RAJ 7 Jan 2023 · 1 min read डरता हुआ अँधेरा ? अँधेरे के गुरुर से नीला आसमान अपने आंसू बहाने लगा , “सच की एक रौशनी” से अँधेरा फिर क्यों घबराने लगा ? फूलों को इस तरह भूख- प्यास से लड़ते... Hindi · कविता 393 Share DESH RAJ 28 May 2022 · 1 min read कौन थाम लेता है ? जब भी मैं गिरता हूँ तो न जाने कौन थाम लेता है ? देखूं उसे तो आँखों से ओझल होकर चल देता है I प्यार की पतंग मेरी आसमान में... Hindi · कविता 6 4 652 Share DESH RAJ 22 May 2022 · 1 min read वक्त और दिन जीवन मेले में वक्त और दिन हमेशा एक जैसे रहते नहीं, बारिश और तूफ़ान भी समंदर में देर तक ठहरते नहीं I जहाँ भी इस जहाँ में जाता हूँ, तेरी... Hindi · कविता 1 475 Share DESH RAJ 15 May 2022 · 1 min read आज के नौजवान आज के नौजवान इमारत के ऊपर इमारत बना रहे, बिना नींव इस पर अपना नया आशियाना बसा रहे I जिस डाल पर बैठे उसी की डाल को काटने में लग... Hindi · कविता 1 638 Share DESH RAJ 6 May 2022 · 1 min read जग के पिता ए मुसाफिर,तू किस ओर आँख बन्द कर बढ़ता जा रहा है, जाना कहाँ था ? अँधेरी खाई में खुद ही डूबता जा रहा है I कितने अरमानों से जग के... Hindi · कविता 1 2 619 Share DESH RAJ 3 May 2022 · 1 min read “पिया” तुम बिन “पिया” तुम बिन इस “ जहाँ ” में जी नहीं पाएंगे हम , तेरी यादों के सहारे जीवन बसर नहीं कर पाएंगे हम I जिस तरफ मेरी नज़र जाये उधर... Hindi · कविता 508 Share DESH RAJ 23 Jan 2022 · 1 min read “ मेरे राम ” जिस तरफ मेरी आँखे देखती है “मेरे राम” ही नज़र आते है , मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, गिरिजाघर में वो ही नज़र आते है I उसके बनाए शामियाने तले हम अपना... Hindi · कविता 1k Share DESH RAJ 12 Sep 2020 · 2 min read एक दुखियारी माँ रात के अँधेरे में राह से गुजरते हुए एक माँ को देखा, दुखियारी माँ की आँखों में आँसुओं को बहते हुए देखा I एक करुण पुकार : मेरे आँचल का... Hindi · कविता 2 4 1k Share DESH RAJ 14 Aug 2020 · 1 min read आजादी का जश्न आजादी का जश्न हम खुशियों से मनाते चले, पूर्वजों की अस्थियों पर दो फूल चढाते चले I गाँधी, अम्बेदकर, सुभाष के त्यागों को कभी भुला न पाएंगे, उनकी यादों बगैर... Hindi · कविता 3 4 1k Share DESH RAJ 12 Aug 2020 · 1 min read “सराय का मुसाफिर” तेरी मोहब्बत न जीने देती , न मरने देती है मुझको, तेरी बेपनाह चाहत तड़पने भी नहीं देती है मुझको , सराय का एक मुसाफिर हूँ एक दिन अपने घर... Hindi · कविता 2 2 653 Share DESH RAJ 11 Aug 2020 · 1 min read सूरज की पहली किरण सूरज की पहली किरण नहीं देखी, वो उजाला क्या जाने ? इंसानियत जिसने नहीं जानी वो इंसान को क्या पहचाने ? “अँधेरे में जीवन” काटकर वो नेकी-बदी को पहचान गए,... Hindi · कविता 3 4 1k Share DESH RAJ 10 Aug 2020 · 2 min read रिमोट :: वोट हर तरफ लुटेरे घूम रहें है, जरा उनसे संभलकर चलना , कोई तुम्हें लूट न ले इस “जहाँ” में थोड़ा बच कर चलना I अपनी जिंदगी का “ रिमोट ”... Hindi · कविता 2 4 616 Share DESH RAJ 9 Aug 2020 · 1 min read " सच का दिया " चाहे लाख तूफ़ान आये मगर सच का दिया बुझ नहीं सकता, जिंदगी अगर बख्शी है “मालिक” ने तो वो मिट नहीं सकता I “मालिक” तुम हमसे नज़रें न मोड़ना वर्ना... Hindi · कविता 3 6 771 Share DESH RAJ 8 Aug 2020 · 1 min read “ राजा और प्रजा ” राजा जब राजा का कार्य न करे,तो प्रजा बहुत परेशान होती है, डॉक्टर जब डॉक्टर का काम न करे, तो जनता हैरान होती है I चाटुकारों के सहारे चलने वाला... Hindi · कविता 2 2 1k Share DESH RAJ 7 Aug 2020 · 1 min read " हसीन जुल्फें " मेरे पिया बिन तेरे इस जहाँ में जी न पाएंगे, काँटों से भरी राह के बीच चल नहीं पाएंगे I तेरी मोहब्बत मुझे किस मुकाम पर ले आई है? “... Hindi · कविता 3 8 616 Share DESH RAJ 2 Aug 2020 · 2 min read "लाइलाज दर्द" दर्द ऐसे न दो कि दर्द लाइलाज हो जाए, दिलों को साथ चलना दुस्वार हो जाए I फूलों को तार-२ करके “ फुलवारी ” का हाल पूछते हो, जख्मों से... Hindi · कविता 3 8 624 Share DESH RAJ 26 Jul 2020 · 2 min read “ तेरी लौ ” ऐसी “लौ” जलाई तूने कि मेरा दिल कुर्बान हो गया, अब न रहा यह मेरा दिल उस पर तेरा राज हो गया I जिस पल का मुझे इंतज़ार था ,... Hindi · कविता 6 6 802 Share DESH RAJ 19 Jul 2020 · 1 min read खुशबू हर तरफ तेरी ही खुशबू और तेरा ही बस नज़ारा है, “हसीन दिलबर” तू फूलों का महकता हुआ साया हैI इंसान जब इंसानियत से दूर होता हुआ चला जाए, “नफरत... Hindi · कविता 5 4 676 Share DESH RAJ 12 Jul 2020 · 1 min read नैय्या की पतवार जब हाथों दे दिया तुमको अपना हाथ तो डरना क्या ? मेरी नैय्या की पतवार तुम्हारे हाथों में तो डरना क्या ? मेरे साजन इस तरह रूठेगें यह मुझे मालूम... Hindi · कविता 3 6 719 Share DESH RAJ 20 May 2020 · 2 min read तेरी एक तिरछी नज़र रोता है आसमान क्यों सारा , रोती है क्यों हवाएँ ? थम गई है इस शहर की सांसे कोई नज़र न आये , तेरी एक तिरछी नज़र ने हमें कहाँ... Hindi · कविता 3 675 Share DESH RAJ 28 Apr 2020 · 1 min read दर्द की कश्ती दर्द की कश्ती पर सवार होकर दरिया पार किये जाता हूँ, "जख्मों का सैलाब” लेकर "मझधार" पार किये जाता हूँ I जीवन तुझको अर्पित है तो डरना किस बात का,... Hindi · कविता 2 1 1k Share DESH RAJ 24 Nov 2018 · 1 min read “ माँ गंगा ” गंगा कल-कल करती जाती अविचल , मन है जिसका चंचल, हृदय स्वच्छ निर्मल , बह जाते जिसमें सारे के सारे दावानल , फिर भी जल है जिसका रहता शुभ मंगल... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 53 706 Share DESH RAJ 21 Oct 2018 · 2 min read नन्हें फूलों की नादानियाँ गुलशन को आग के हवाले करके खुश हो जाते हैं, नन्हें फूलों की नादानियों पर मद-मस्त हो जाते हैं I फूलों की नगरी में क्यों एक खामोसी छाई हुई ?... Hindi · कविता 3 2 771 Share DESH RAJ 12 Jul 2018 · 1 min read तमन्नाओं का संसार तमन्नाओं की सीमा जिंदगी को पार कर आगे चली गई, बेचारी जिंदगी पीछे छूट गई तमन्ना बहुत आगे बढ़ गई I कोई “माया” की तमन्ना में अपना होश भी खो... Hindi · कविता 2 1 1k Share DESH RAJ 16 Jun 2018 · 1 min read मेरी चुनरिया जिस “ हाल ” में रखे तू उस हाल में खुश हूँ , तेरी नज़रों के अहसाने करम से मैं खुश हूँ I तेरी एक नज़र से मेरी जिंदगी की... Hindi · कविता 1 743 Share DESH RAJ 18 Mar 2018 · 1 min read नसीब जतन कितने भी कर ले तू , मिलेगा उतना जितना है तेरे नसीब में, ईमान से ले या फरेब से ले, मिलेगा उतना जितना है तेरे नसीब में, कर्म की... Hindi · कविता 689 Share DESH RAJ 28 Feb 2018 · 2 min read जीवन मेला जीवन मेला “जहाँ” में इसी तरह चलता ही रहेगा , मेले का यह कारोबार सजता और उजड़ता रहेगा I बिछुड़कर भी उनको अपना असली मुकाम मिल गया, मिलकर भी इस... Hindi · कविता 1 3 812 Share DESH RAJ 30 Jan 2018 · 2 min read सुंदर बाग़ इतिहास के पन्नों से “ सुंदर बाग़ ” की भावी किस्मत लिखने चले हैं, “सबक” न लेकर नन्हें पौधों को नफरत की आग में जलाने चले हैं I बाग़ की... Hindi · कविता 613 Share DESH RAJ 30 Dec 2017 · 1 min read नववर्ष का संकल्प नववर्ष का प्रारम्भ हर एक आँगन में प्यार का फूल खिलाकर करें, देश में हम अमन, इंसानियत, प्रेम का पौधा घर-२ में लगाकर करें I हर एक नागरिक को सम्मान... Hindi · कविता 3 1k Share DESH RAJ 12 Nov 2017 · 1 min read “माटी ” तेरे रूप अनेक “माटी” तेरा कोई मोल नहीं इस सारे जहाँ में , तेरे प्रेम का कोई जोड़ नहीं इस सारे जहाँ में , कभी खिलौना, कभी मूरत तो कभी तू “दिया” बन... Hindi · कविता 957 Share DESH RAJ 15 Oct 2017 · 1 min read फूल की महक फूल वो फूल नहीं जो अपनी महक दे न सके गुलशन को , चन्दन वो चन्दन नहीं जो शीतलता दे न सके उपवन को I फूल को गुमान है कि... Hindi · कविता 1 2k Share DESH RAJ 24 Sep 2017 · 2 min read “आनंद ” की खोज में आदमी “आनंद” की महकती मीठी दरिया में सुधबुध खोकर बहते चले गए , जाना था भवसागर पार पर जीवन के अंतिम सच के करीब पहुँच गए I खुशबूदार हवा के झोकों... Hindi · कविता 1 747 Share DESH RAJ 12 Aug 2017 · 1 min read मेरे सनम मेरे सनम, तेरी मोहब्बत ने मुझे एक आशिक बना दिया, तेरी एक नज़र ने मुझे जिंदगी जीने का रास्ता दिखा दिया I तेरे नैनो ने मुझे दरिया के भंवर में... Hindi · कविता 960 Share DESH RAJ 6 Aug 2017 · 1 min read शहीद की बहन और राखी मेरे प्यारे भैय्या, आपने मेरी राखी की लाज निभाई , “माँ भारती” की सीमाओं की रक्षा करते जान गवांई I इस वर्ष आप नहीं लेकिन आपकी यादें हमारे साथ ,... Hindi · कविता 1k Share DESH RAJ 15 Jul 2017 · 1 min read मोतियों की सुनहरी माला मत तोड़ो मोतियों की सुनहरी माला बिखर जाएगी , फिर अगर बिखर गई तो कभी भी नहीं जुड़ पायेगी I सुंदर फूलों की इस बगिया में काँटों का व्यापार करने... Hindi · कविता 1 1k Share DESH RAJ 2 Jun 2017 · 1 min read मोरे सैंया तरस रही तुम बिन मोरी अंखियाँ दरस दिखा जाओ सैंया , दर-2 भटकूँ , तेरी राह निहारूं ,दरस दिखा जाओ मोरे सैंया I नैन तुम्हारे सागर से भी ज्यादा है... Hindi · कविता 628 Share DESH RAJ 18 Mar 2017 · 2 min read “ विश्वास की डोर ” कठिन पथरीली राहों पर चलकर जीवन की मंजिल पा ही लेंगे , जमाना कुछ भी कहे, दिलों में मोहब्बत का “दिया” जला ही देंगे I “विश्वास की डोर ” से... Hindi · कविता 2 1 818 Share DESH RAJ 12 Mar 2017 · 1 min read “ गंगा ” का सन्देश गंगा कल-कल करती जाती अविचल , मन है जिसका चंचल, हृदय स्वच्छ निर्मल , बह जाते जिसमें सारे के सारे दावानल , फिर भी जल है जिसका रहता शुभ मंगल... Hindi · कविता 2 691 Share DESH RAJ 4 Mar 2017 · 2 min read प्रेम की किताब मन–मंदिर में एक दिन मेरी नज़र एक किताब पर पड़ गई , इस अनोखी किताब को पढ़कर मेरी तक़दीर ही बदल गई , “जग के मालिक” के प्यार की दौलत... Hindi · कविता 1k Share DESH RAJ 18 Feb 2017 · 1 min read “ पगडंडी का बालक ” गाँव की पगडंडी से गुजरते हुए एक बालक को हमने देखा, नन्हें हाथों में बस्ता, उसकी आँखों में आशा की किरणें देखा I उसके पेट में भूख व हाथ भी... Hindi · कविता 1k Share DESH RAJ 8 Feb 2017 · 1 min read परदेश एक दिन परदेश छोड़कर तुझे दूर अपने “देश ” है जाना , सखी, तू क्यों होती है उदास , तुझे “पिया” घर है जाना I रिश्ते- नाते छोड़कर तुझे “पिया”... Hindi · कविता 1 1k Share DESH RAJ 5 Feb 2017 · 1 min read कश्मीर की तस्वीर एक दिन सपने में देखा अपना प्यारा कश्मीर, “स्वर्ग से सुंदर ” धरा की उजड़ी हुई तस्वीर I आदमी को आदमी का लहू पीते देखा , इंसान को भेड़-बकरियों की... Hindi · कविता 1 1 913 Share DESH RAJ 30 Jan 2017 · 1 min read जिंदगी की रेस दूर तक बस केवल एक सन्नाटा नज़र आता है, सन्नाटे में आदमी को सिर्फ भागते हुए पाता हूँ I जिंदगी को रेस बनाकर हम कहाँ दौड़ते जा रहे ? कहाँ... Hindi · कविता 2 1k Share DESH RAJ 29 Jan 2017 · 1 min read अनोखा गुलाब (“माँ भारती ”) उपवन में हमने देखा एक अनोखा गुलाब, उसके रंगों में था, प्रेम - प्यार का शबाब , काँटों के मध्य उसमें थी , उमंग बेहिसाब, सभी को दिया उसने प्यार... Hindi · कविता 1k Share DESH RAJ 27 Jan 2017 · 2 min read खूबसूरत तस्वीर दिल की हसरत है कि तुझसे मिलकर अपने प्यार का इजहार करूँ, हर एक दिन तेरी खूबसूरत तस्वीर को दिल से लगाकर दीदार करूँ I तेरे सुन्दर शहर में यह... Hindi · कविता 1 1k Share DESH RAJ 26 Jan 2017 · 2 min read बस एक ही भूख जिंदगी की राह में चलते-चलते आज मायूस हो गए, माया की दुनिया में लक्ष्य से हटने पर मजबूर हो गए I कभी अरमान था कि एक महकता गुलिस्ताँ बनाऊंगा, “इंसानियत”... Hindi · कविता 1 1 1k Share