बहुत बढ़िया आदरणीय
Main aapaka samman karta huin. Bharat mein ek sufiyana mat bhi hai. Jise aap soch nahin sakte.Ham dayare mein bandhe hai.hamein kewal stri purush dikhta hai. Jab ki isse alag ek jahan hai. Jahan nek insaan ko dekha jata hai. Koi stri purush nahin.
आपके उत्तर ने मेरे ज्ञान चक्षु खोल दिए हैं। मैंने इस भाव से प्रस्तुति को सोचा नहीं था। आपके उत्तर में मेरी समस्त शंकाओं का तर्कपूर्ण समाधान कर दिया है। मैं इस संदर्भ में अपनी विवेचना का क्षमा प्रार्थी हूं।
धन्यवाद !
मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि आपके पुरुष शरीर में स्त्री आत्मा का वास है। जो आपको स्त्री भावों को प्रकट करने के लिए प्रेरित करता है जो मुझ जैसे पाठकों को विसंगत प्रतीक होता है।
यह मेरे स्वतंत्र विचार हैं जो किसी भी पूर्वाग्रह या निंदा की दुर्भावना से प्रेरित नहीं है।
यदि मैंने आपकी भावना को आहत किया हो तो उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं।
धन्यवाद !
धन्यवाद !
अतिसुंदर सूफियाना भावपूर्ण अभिव्यक्ति।
धन्यवाद !