DESH RAJ Tag: ग़ज़ल/गीतिका 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid DESH RAJ 10 Apr 2022 · 2 min read चिड़िया और जाल चिड़िया खुद जाल में फँस गई शिकारी बस देखता रह गया, नाव मँझधार में आकर डूब गई मांझी बस देखता रह गया I कैसा दौर चल रहा है यह कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1k Share DESH RAJ 3 Apr 2022 · 1 min read प्यार का अलख अलख प्यार का जलाकर वो रश्मों-रिवाजों की बात करते है , इश्क की दरिया में लाकर वो अब मेरे अश्कों की बात करते है I तू चाहे न चाहे तू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 904 Share DESH RAJ 15 Jan 2022 · 2 min read तेरे हाथों में जिन्दगानियां बचा ले तू इस सुंदर गुलशन की खूबसूरत जिन्दगानियों को , माफ़ कर दे इन भटके हुए गुनाहगार फूलों की नादानियों को I चहुँओर हाहाकार का मंजर देखकर फूल तेरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 611 Share DESH RAJ 26 Dec 2021 · 1 min read दौर-ए-सफर दौर- ए- सफर जिंदगी में चलते हुए हमने कभी सोचा न था, नफरत के ज्वार में चिरागों को इस तरह बुझते हुए देखा न था I भविष्य के नौनिहालों को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 735 Share DESH RAJ 23 Sep 2018 · 1 min read ** तेरा बेमिसाल हुस्न ** जब तेरे कदम इतने सुंदर तो तेरा चेहरा कितना खूबसूरत होगा ? जब तेरे नैन इतने मतवाले तो तेरा दिल कितना खूबसूरत होगा ? तेरे “ बेमिसाल हुस्न के भंवर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 479 Share DESH RAJ 19 Apr 2018 · 2 min read आखिरी पड़ाव वो क्या जिंदगी-२ है ? जो किसी के ओठों पर मुस्कान न ला सके, मालिक के अनमोल नूर को जहाँ में जरूरतमंदो को न बाँट सके I अब क्यों ?जिंदगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 806 Share DESH RAJ 2 Aug 2017 · 1 min read भारत की जमीं वो हँस रहे इंसानियत पर , कहते है सारा जमाना है उनके साथ , गिला मत कर इंसान “ जग के मालिक का प्यार ” है तेरे साथ I “जहाँ”... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1k Share DESH RAJ 2 Jul 2017 · 1 min read अनोखी सीख नफरत को नफरत से मिटाने की अनोखी सीख हमें दे रहे , “बारूद के शोलों” से घरों का अंधेरा मिटाने की सीख दे रहे I गुलशन के फूल बनने की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 967 Share DESH RAJ 2 May 2017 · 1 min read दुर्घटना का दंश बेबस जिंदगियों को जीवन की पुकार करते नहीं देखा आज से पहले , पल भर में जिंदगी को इस तरह मुहँ मोड़ते नहीं देखा आज से पहले I “प्रेम की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 625 Share DESH RAJ 22 Mar 2017 · 2 min read चिड़िया का घोंसला “ चिड़िया ” घोंसला छोड़कर आसमान से पार उड़ गई ,हम बस देखते रह गए , सूनी हो गई पेड़ की पत्ती-डालें , हम आसमान की ऊंचाईयों को देखते रह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 2k Share DESH RAJ 22 Feb 2017 · 1 min read जुल्म की इन्तहा “ जुल्म की इन्तहा ” करके “ जहाँ ” में वो वफ़ा की उम्मीद करते , खुशियाँ छीनकर “जग के मालिक” से खुशियों की उम्मीद करते I प्यार के गुलशन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 2k Share DESH RAJ 11 Feb 2017 · 1 min read सच्चा रिश्ता रिश्तों को देखा मौसम के रंग की तरह बदलते हुए, मोतियों को देखा “प्यार की माला ”से बिखरते हुए , आदमी को देखा नफरत के चक्रव्यूह में फंसते हुए, दिये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1k Share DESH RAJ 3 Feb 2017 · 2 min read “माँ भारती” के सच्चे सपूत नफरत की फसल उगाकर बहुत मुस्करा रहे वो, इंसानियत का जनाज़ा निकालकर मुस्करा रहे वो I इन्सान-इन्सान को बाँट कर क्या मिल जायेगा तुमको ? कोठियां,गाड़ी,सत्ता बढाकर क्या मिल जायेगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1k Share DESH RAJ 2 Feb 2017 · 1 min read तेरी सूरत जहाँ भी देखता हूँ , इस “जहाँ” में तेरी सूरत नज़र आती है, तेरी सूरत में इस “ जहाँ ” की सारी खुशियाँ नज़र आती है , तेरी एक नज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1k Share