डी. के. निवातिया 403 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डी. के. निवातिया 10 Jan 2017 · 1 min read मुझको मेरा हक दो --::---मुझको मेरा हक दो--::--- मुझको मेरा हक दो पापा बहुत कुछ कर दिखलाऊँगी ! लेने दो खुली हवा में सांसे बेटे से ज्यादा फर्ज निभाऊंगी !! मुझको मेरा ……………… कर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 4 14k Share डी. के. निवातिया 21 Jul 2017 · 3 min read गाथा एक वीर की रचना के पूर्ण रसास्वादन के लिए कृपया पूरा पढ़े ...! गाथा एक वीर की ****************** बहुत सुनी होंगी कहानिया रांझा और हीर की आओ तुम्हे, आज सुनाये, गाथा एक वीर... Hindi · कविता 1 5k Share डी. के. निवातिया 3 May 2017 · 1 min read वो हमारे सर काटते रहे वो हमारे सर काटते रहे हम उन्हें बस डांटते रहे !! वो पत्थरो से मारते रहे हम उन्हें रेवड़ी बाटते रहे !! लालो की जान जाती रही हम खुद को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 3k Share डी. के. निवातिया 15 May 2017 · 2 min read माफ़ कर देना माँ --- मातृ दिवस — माँ पर कविता — डी. के निवातिया माफ़ कर देना माँ तुझे मातृ दिवस पर याद नहीं किया मैंने शायद गुम गया कही मातृ दिवस तेरे निश्छल प्रेम की ओट में हर क्षण जो छायी रहती है... Hindi · कविता 1 1 1k Share डी. के. निवातिया 19 Sep 2017 · 3 min read दो बहनो का मिलन – वार्ता – (हिंदी-अंग्रेजी) दो बहनो का मिलन – वार्ता – (हिंदी अंग्रेजी) ! दरवाजे पर ..दस्तक होती है …. डिंग-डोंग …डिंग-डोंग .. डिंग-डोंग …डिंग-डोंग .. हू इस आउट साइड ऑन द डोर …..... Hindi · कविता 1 1k Share डी. के. निवातिया 13 Nov 2018 · 1 min read माँ की याद माँ की याद *** मिलता है बहुत कुछ आज नए जमाने में, फकत इस दिल को तसल्ली नहीं मिलती, पेट तो जैसे तैसे भर लेता हूँ हर रोज़ मगर, माँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 13 79 1k Share डी. के. निवातिया 18 Jul 2016 · 1 min read प्रकृति प्रकृति सुन्दर रूप इस धरा का, आँचल जिसका नीला आकाश, पर्वत जिसका ऊँचा मस्तक, उस पर चाँद सूरज की बिंदियों का ताज नदियों-झरनो से छलकता यौवन सतरंगी पुष्प-लताओं ने किया... Hindi · कविता 1 3 1k Share डी. के. निवातिया 3 Jan 2017 · 2 min read अमीरी-गरीबी अमीरी-गरीबी बहस छिड़ गयी एक दिन अमीरी और गरीबी में !! नाक उठा ‘अमीरी’ बोली बड़े शान से काम बन जाते है सिर्फ मेरे नाम से हर किसी की चाहत... Hindi · कविता 1k Share डी. के. निवातिया 2 Feb 2017 · 1 min read बेटियाँ -- निवातिया डी. के. बेटियाँ घर आँगन की पहचान होती है बेटियाँ हर चेहरे की मुस्कान होती है बेटियाँ राम, कृष्ण भी लेकर आते है अवतार ममता का ऐसा भण्डार होती है बेटियाँ !!... Hindi · कविता 1k Share डी. के. निवातिया 3 Feb 2020 · 5 min read चना - स्वरचित – डी के निवातिया *चना* ‘चना’ अपने नाम के जैसे भी खुद भी छोटा सा ही है, हाँ है तो छोटा ही मगर अपने गुण, प्रकृति, स्वभाव व आचरण से उतना ही विशाल है।... Hindi · लेख 1 1k Share डी. के. निवातिया 24 Nov 2016 · 1 min read उसूल देखा, मुस्कुराये और चल दिये, भला ये भी कोई बात हुई ! ! मुहब्बत हो या नफरत जनाब, सबके कुछ उसूल होते है !! ! D. K. Nivatiya Hindi · शेर 1 1k Share डी. के. निवातिया 17 Feb 2017 · 1 min read मेरा चमन...... जालिम बहुत है वो हर घर, गली , मुहल्ले में छुपे बैठे है उनसे अपना चेहरा छुपाये रखना, नजरे बचाये रखना, कही कर न जाए दागदार पाक दामन को, पाकर... Hindi · कविता 1k Share डी. के. निवातिया 31 May 2017 · 2 min read मेरे घर को बाँट दिया मेरे घर को बाँट दिया *** मेरे घर को बाँट दिया है, धर्म के कुछ ठेकेदारो ने ! मातृभूमि से छल किया है, वतन के ही गद्दारो ने !! नेताओ... Hindi · कविता 2 2 1k Share डी. के. निवातिया 16 Mar 2017 · 1 min read सेहरा — शेरो शायरी लो सज गए वो फिर से पहनकर सेहरा भी, अरे कोई तो जाकर उन्हें हमारी याद दिलाये ! हम ख़ाक में मिल गए उनके एक इशारे पर और वो है... Hindi · शेर 1k Share डी. के. निवातिया 20 Nov 2021 · 1 min read तेरे शहर से मेरा गाँव अच्छा है तेरे शहर से मेरा गाँव अच्छा है, कुछ अस्त-व्यस्त, कुछ टूटा-फूटा, घर कच्चा है लेकिन तेरे शहर से, आज भी मेरा गाँव अच्छा है, बहुत कुछ नया चलन में पाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 1k Share डी. के. निवातिया 1 Mar 2017 · 1 min read मन की बाते आवश्यक सूचना (यह राजनितिक हालातो के परिपेक्ष्य पर लिखी गयी है इसका किसी व्यक्ति विशेष से कोई सम्बन्ध नहीं है ) (मन की बाते) कभी जनता को मन की बातों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 1k Share डी. के. निवातिया 21 Feb 2017 · 1 min read हमारे नेता—डी के निवातिया विकास की डोर थाम ली है हमारे नेताओ ने । अब नये शमशान और कब्रिस्तान बनायेंगे।। कही भूल न जाओ तुम लोग मजहब की बाते याद रखना इंसानियत को इसी... Hindi · कविता 1k Share डी. के. निवातिया 3 May 2022 · 1 min read पिता - नीम की छाँव सा - डी के निवातिया पिता एक विश्वास *** घर आँगन में नीम की छाँव सा, जीवन सागर में बहती नाव सा, किसान बन घर परिवार सींचता, इंजन बन घर की गाडी खींचता, बच्चो का... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 28 50 1k Share डी. के. निवातिया 7 Jul 2022 · 1 min read आज नहीं तो कल होगा - डी के निवातिया आज नहीं तो कल होगा ! ज्यों ज्यों जग पाप बढ़ेगा कलयुग का प्रताप बढ़ेगा, अधर्म का युग भावी होगा, हैवान सर पर हावी होगा असत्य परिपूर्ण शिक्षा होगी सच... Hindi · कविता · गीतिका 4 6 1k Share डी. के. निवातिया 9 Jun 2017 · 1 min read कैसे मुकर जाओगे — डी के निवातिया यंहा के तो तुम बादशाह हो बड़े शान से गुजर जाओगे । ये तो बताओ खुदा कि अदालत में कैसे मुकर जाओगे चार दिन की जिंदगानी है मन माफिक गुजार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 974 Share डी. के. निवातिया 2 May 2022 · 1 min read पिता एक विश्वास - डी के निवातिया पिता एक विश्वास *** घर आँगन में नीम की छाँव सा, जीवन सागर में बहती नाव सा, किसान बन घर परिवार सींचता, इंजन बन घर की गाडी खींचता, बच्चो का... Hindi · कविता 9 10 1k Share डी. के. निवातिया 1 Apr 2017 · 1 min read नवदुर्गा के नौ रूप स्तुति नवदुर्गा के नौ रूप स्तुति शैलपुत्री शिखर वासिनी, त्रिशूल धारिणी वृषभ वाहिनी, शिव अर्धांगिनी सर्व प्रथम पूजा प्रतिस्ठायीनी शैलपुत्री यशस्विनम नमो नम:!! ब्रह्मचारिणी तपो आचरण, कमण्डलु धारण सराहना देवता, ऋषि... Hindi · कविता 1k Share डी. के. निवातिया 8 Mar 2017 · 1 min read मैं नारी हूँ मैं नारी हूँ जग जननी हूँ, जग पालक हूँ मैं नारी हूँ, न किसी से हारी हूँ निःशेष लोक जन्मा मेरे उर से फिर भी मैं ही कोख में मारी... Hindi · कविता 941 Share डी. के. निवातिया 6 Feb 2017 · 2 min read बसंत बहार --- डी. के. निवातिया बसंत बहार बागो में कलियों पे बहार जब आने लगे, खेत-खलिहानों में फसले लहलाने लगे ! गुलाबी धूप पर भी निखार जब आने लगे, समझ लेना के बसंत बहार आ... Hindi · कविता 954 Share डी. के. निवातिया 24 Feb 2017 · 1 min read महादेव पाप पुण्य के युद्ध में जो खुद को मिटाता है। त्याग कर अमृत हलाहल विष अपनाता है। निस्वार्थ लोकहित में जीवन अर्पण कर दे। वो स्वयंशंभू, नीलकंठ, महादेव कहलाता है... Hindi · कविता 1 909 Share डी. के. निवातिया 2 Sep 2016 · 1 min read मुखड़ा या चाँद का टुकड़ा............. मुखड़ा या चाँद का टुकड़ा मुखड़ा कहु या चाँद का टुकड़ा चेहरा तेरा ताज भी शर्माता है देख हुस्न नायब तेरा चाँद भी छुपजाता बादलो में देख हुस्न तेरा कही... Hindi · कविता 874 Share डी. के. निवातिया 20 Feb 2017 · 1 min read मांझी लड़ाई गर मुद्दे पर हो तो लड़ने में मजा आता है उलझकर उलझनों में जीने का आनद आता है चिकनी सडको पर रफ़्तार आजमा लेते है सभी तूफानी लहरो में... Hindi · कविता 850 Share डी. के. निवातिया 23 Jul 2022 · 1 min read कलयुग की माया हे ! कलयुग की माया ! जो थे मानव मर्यादित, उनको अपना हथियार बनाया, भक्त बन राम को पूजा, फिर उन को ही व्यापार बनाया, जो थे कपटी कलुषित, लोभी... Hindi · कविता · कोटेशन · गीत 1k Share डी. के. निवातिया 4 Oct 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना-3---मुक्तक ---डी के निवातियाँ अक्सर लोग पूछते है मुझ से मेरा ठिकाना अब किसे बताये कहाँ नही मेरा आशियाना हूँ यारो से दुश्मनो तक के जहन में शामिल ढूंढ लो खुद में, वैसा ही... Hindi · मुक्तक 2 827 Share डी. के. निवातिया 3 Nov 2017 · 1 min read आला-रे-आला आला-रे-आला *** आला-रे-आला, सुन मेरे लाला, लगा ले अपनी जुबान पे ताला जो बोलेगा सच्ची सच्ची बाते, किया जायेगा उसका मुँह काला वतन व्यवस्था का टूटा पलंग है चरमारती अर्थव्यवस्था... Hindi · कविता 2 2 818 Share डी. के. निवातिया 28 Feb 2017 · 1 min read मधुमास में इस बार मधुमास में फिर खेलेंगे होली हम तेरी यादो संग मोतियों से भी बेशकीमती शबनमी अश्रु जल में घुले होंगे अनेको अनूठे रंग कुछ प्रेम के, कुछ क्रोध के... Hindi · कविता 1 845 Share डी. के. निवातिया 9 Jan 2017 · 1 min read आज का नवयुवक आज का नवयुवक अजीब हाल में दिखता है आज का नवयुवक जागा है मगर कुछ खोया खोया सा हँसता भी है पर कुछ रोया-रोया सा जीवन संघर्ष की इस दौड़... Hindi · कविता 1 816 Share डी. के. निवातिया 12 Oct 2017 · 1 min read दो दूना बाईस दो दूना बाईस --- बेवजह में वजह ढूंढने की गुंज़ाइश चाहिये ! काम हो न हो पर होने की नुमाइश चाहिये !! कौन कितना खरा है, किसमे कितनी खोट !... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 835 Share डी. के. निवातिया 5 Sep 2017 · 1 min read हे गुरुवर तुम्हे प्रणाम हे गुरुवर तुम्हे प्रणाम *** तुम हो प्रबुद्ध, मनीषी शास्त्र, बोध के धोतक तुम जग के शिल्पकार हे गुरुवर तुम्हे प्रणाम !! संचित कर बुद्धि विवेक से जीवन करते आलोकित... Hindi · कविता 1 790 Share डी. के. निवातिया 7 Mar 2017 · 1 min read हम बच्चे मस्त कलंदर हम बच्चे मस्त कलंदर एक मुट्ठी में सूरज का गोला एक में लेकर चाँद सलोना खेलने निकले हम अम्बर पे करके सितारों का बिछोना ! हम बच्चे है मस्त कलंदर,... Hindi · कविता 791 Share डी. के. निवातिया 19 Jan 2017 · 1 min read दिल कि खोली खाली है दिल कि खोली इसको भर दो कुछ दौलत अपनी हमे ईनाम कर दो नहीं चाहिये कुबेर या जमीं का टुकड़ा थोड़ी सी चाहत अपनी मेरे नाम कर दो... Hindi · कविता 796 Share डी. के. निवातिया 9 Jun 2017 · 1 min read अदा अदा +++++++++++++++ मुझसे मुहब्बत भी बेपनाह करता है फिर भी मेरी हर बात पर बिगड़ता है इसे अदा कहुँ या फितरत जनाब की जो भी हो दिल ये तो उसी... Hindi · शेर 1 755 Share डी. के. निवातिया 22 Feb 2017 · 1 min read एहसास-ऐ-गैर मुहब्बत के नाम का पाठ वो दिन रात रटता है। जरा सा छेड़ दो तो ज्वालामुखी सा फटता है।। क्या हालात हो गये आज दोस्ताना-ऐ-जहाँ के जिसे मानो अपना एहसास-ऐ-गैर... Hindi · शेर 746 Share डी. के. निवातिया 19 Sep 2017 · 1 min read नमस्कार मै हिंदी हूँ नमस्कार मै हिंदी हूँ मेरा दिवस के रूप में उत्सव मनाकर सम्मान देने के लिये आपकी आभारी हूँ ?? वैसे मुझे किसी दिवस की आवश्यकता नही यदि वास्तविक रूप में... Hindi · कविता 2 2 769 Share डी. के. निवातिया 4 Dec 2017 · 1 min read बार-बार - गज़ल/गीतिका - डी के निवातिया बार-बार *** वो कौन है जो दिल को दुखाता है बार-बार ! अश्क बहते नहीं दिल कराहता है बार-बार !! वफ़ा संग बेवफाई दस्तूर पुराना है जमाने का फिर क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 734 Share डी. के. निवातिया 5 Jan 2017 · 1 min read सुनो सुनो, कुछ नही है तो यादो में आते क्यों हो पल - पल ख्यालो में आकर सताते क्यों हो न किस्मत अपनी, न जिगर तुममे इतना फिर सपने दीद के... Hindi · शेर 765 Share डी. के. निवातिया 3 May 2017 · 1 min read फेल हो गया फेल हो गया सत्तर साल वालो का तो ख़त्म खेल हो गया। छप्पन इंच का सीना भी अब फेल हो गया । दुश्मन रोज़ जख्म पे जख्म दिये जा रहा... Hindi · मुक्तक 1 746 Share डी. के. निवातिया 3 Aug 2017 · 1 min read काव्य रो रहा है काव्य रो रहा है *** साहित्य में रस,छंद,अलंकारो का कलात्मक सौंदर्य खो रहा है, काव्य मंचो पर कविताओं की जगह जुमलो का पाठ हो रहा है, हास्य के साथ व्यंग... Hindi · मुक्तक 3 2 718 Share डी. के. निवातिया 11 Jun 2021 · 1 min read बरसात बरसात क्या करूँ मैं इस बरसात निंगोड़ी का, अपनी तो ऐसी बैरन हुई, जी जान से बैर निभावे है ! जब बरसे है झूम झूम, तृप्त होता सृष्टि का रोम... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 9 821 Share डी. के. निवातिया 15 Feb 2017 · 2 min read कलयुगी भक्ति में शक्ति कलयुगी भक्ति में देखि शक्ति अपार, तभी तो बन बैठे वो महान ! कितने मुखड़े छिपे इन चेहरो में, इससे विचलित है स्वंय भगवान !! लूट खसोट कर अमीर बन... Hindi · कविता 674 Share डी. के. निवातिया 2 Jan 2017 · 1 min read धीरे धीरे भोर की चादर से निकलकर शाम की और बढ़ रही है जिंदगी धीरे धीरे ! योवन से बिजली सी गरजकर बरसते बादल सी ढल रही है जिंदगी धीरे धीरे !... Hindi · कविता 688 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read इरादे मजबूत रखना इरादे मजबूत रखना *** नफरत करनी है अगर हमसे तो इरादे मजबूत रखना ! लड़ना पड़ेगा मुकदमा इश्क कि अदालत सबूत रखना !! हुई जो जरा भी चूक तुमसे, मोहब्बत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 669 Share डी. के. निवातिया 5 Sep 2016 · 1 min read गुरु को प्रणाम करे जीवन को साकार रूप प्रदत्त का काम पत्थर से मानव को तराशे दे नगीना नाम कभी मृदुल, कभी कठोर स्वरुप अपनाकर इंसानियत पाठ पढ़ा दे ऐसे गुरु को प्रणाम... Hindi · मुक्तक 2 655 Share डी. के. निवातिया 6 Jul 2016 · 1 min read मोहिनी सूरत………. मोहिनी सूरत………. देख के उसकी मोहिनी सूरत, फूल भी खिलना भूल गये ! ख्वाबो में उसके ऐसा उलझे, खुद से मिलना भूल गये !! कब आई और वो आकर चली... Hindi · गीत 2 724 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read बड़ा अच्छा लगता है बड़ा अच्छा लगता है उगते सूरज की लालिमा को तकना बैलो के गले में घंटी का बजना डाल डाल चिड़ियों का फुदकना कोमल लताओं पर पुष्पों का खिलना झूमती शाखाओं... Hindi · कविता 732 Share Page 1 Next