अशोक सोनी Tag: कविता 58 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अशोक सोनी 12 May 2022 · 2 min read कभी पिता को भी पढ़ना कभी पिता को भी पढ़ना जिसने तुम्हें गढ़ा है क्या उस पिता को तुमने पढ़ा है कभी फुर्सत मिले तो पढ़ना पढ़ना और समझना उसके एक-एक हर्फ उसके एक-एक शब्द... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 2 288 Share अशोक सोनी 16 Mar 2021 · 1 min read अंतर में कितनी पीड़ाएं अंतर में कितनी पीड़ाएं किसको अपनी व्यथा सुनाएं अकथ पीर की ज्वाला उर में कैसे शब्दों में भर लाएं कितने-कितने स्वप्न संवारे कितने उर में गीत सजाए सुनने वाला मिला... Hindi · कविता 2 6 457 Share अशोक सोनी 25 Feb 2021 · 1 min read तो जीवन मधुशाला है जीवन तो जीवन है सरल कठिन कहां होता है सुख संतुष्टि से भर जाए लगता मधु का प्याला है क्लेश क्लांति से घिर जाए तो फिर गरल निवाला है ख्वाब... Hindi · कविता 6 4 517 Share अशोक सोनी 24 Feb 2021 · 1 min read प्रकृति की गोद में सलिल ललित प्रवाहित अविरल लघु गिरि की वो हरित ओट ऊर्ध्व अम्बरी निरख आभ पुलकित अन्तर्मन क्षण भर को क्षण भर विस्मृत कर क्लेश ताप आ बैठ क्षणिक फिर प्रकृति... Hindi · कविता 2 2 557 Share अशोक सोनी 23 Feb 2021 · 1 min read वो बहुत याद आए वो गली वो चौबारे वो घर गांव सारे वो सुकूं देने वाले दरख्तों के साए अचानक ही वो बहुत याद आए । वो गांव की बोली वो मित्रों की टोली... Hindi · कविता 2 6 348 Share अशोक सोनी 23 Feb 2021 · 1 min read फिर आ जाने दो खट्टी-मीठी बीती बातें दिवस सुहाने भीगी रातें फिर आ जाने दो सूने सूने मन जीवन में खुशियों की वो बात पुरानी फिर छा जाने दो अल्हड़ बचपन मस्त जवानी कही... Hindi · कविता 3 4 455 Share अशोक सोनी 13 Feb 2021 · 1 min read बेटियां स्कूल जा रहीं हैं आज देखा मैंने अपने घर की दहलीज से बेटियों के समवेत लघु समूह भिन्न , तय परिधानों में प्रसन्नमना हो बतियाते कलरव करते जाते हुए । और अनुभव की उनकी... Hindi · कविता 4 6 302 Share अशोक सोनी 11 Feb 2021 · 1 min read विरहा गाए गाने दो अम्बर तल बादल घिर आए घिर आने दो कोई पपीहा विरहा गाए गाने दो वन उपवन में पतझड़ छाए छाने दो कोई किसी को कब भा जाए भा जाने दो... Hindi · कविता 3 2 498 Share अशोक सोनी 11 Feb 2021 · 1 min read खंड खंड उत्तराखंड क्या था वो प्रलय दिवस सा मनुज हुआ कितना विवश सा कैसी वो विकल घड़ी थी विकट विपत्ति आन पड़ी थी अचल गिरि भी सचल हुए थे लोचन कितने सजल... Hindi · कविता 4 8 584 Share अशोक सोनी 11 Feb 2021 · 1 min read वो प्यार नहीं है बंध जाए तारीखों में वो प्यार नहीं है करना पड़े इज़हार तो वो प्यार नहीं है प्यार कहां बंधा करता तारीखों में प्यार कहां रुका करता तारीखों में प्यार सदा... Hindi · कविता 4 3 293 Share अशोक सोनी 10 Feb 2021 · 1 min read प्रेम की परिभाषा प्रेम की है अद्भुत परिभाषा जितने रिश्ते उतनी आशा प्रियतमा जब प्यार करती है बंद आंखों में आह भरती है मित्र का प्रेम अलग दिखता है खुली आंख स्नेह लिखता... Hindi · कविता 3 1 525 Share अशोक सोनी 10 Feb 2021 · 1 min read ऐसी कोई बात आओ बैठो सुनें सुनाएं तेरी मेरी इसकी उसकी सारे जग की छलिया ठग की सुनी अनसुनी कही अनकही नई पुरानी सुखद सुहानी अबूझ पहेली कुछ अलबेली दर्द जो छलका दिल... Hindi · कविता 3 5 319 Share अशोक सोनी 2 Feb 2021 · 1 min read पाती संग - संग उड़ आने दो खोल दिए सारे वातायन खोल दिए हैं हृदय के द्वार पाती संग - संग उड़ आने दो सहज सरल औ निश्छल प्यार । सुख सपनों की रखवाली में हमने कितने... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 56 664 Share अशोक सोनी 16 Jan 2021 · 1 min read तुम्हारी प्रीत में अचल गिरि के अंक से मचलकर निकल पड़ा एक कृष तनु निर्झर खोह कंदराओं से हो प्रवाहित निश्छल शिशु सा अपने में मस्त निश्चिंत अल्हड़ हो ऊंचे - नीचे पथ... Hindi · कविता 2 364 Share अशोक सोनी 15 Jan 2021 · 1 min read यार अब रहने दे अब तो कुछ मत बोल यार अब रहने दे अश्रु नयन से बहते हैं अब बहने दे पीर हृदय में अकुलाई अब सहने दे महल आस का ढहता है अब... Hindi · कविता 5 6 446 Share अशोक सोनी 14 Jan 2021 · 1 min read वो रोज़ निकल पड़ती है वो निकल पड़ती है भोर होते ही मुंह अंधेरे अलसाई देह को झकझोरती अपनी उनींदी आंखों में ढेर से श्वेत श्याम स्वप्न लिए रास नहीं आते उसे रंग भरे स्वप्न... Hindi · कविता 2 4 279 Share अशोक सोनी 14 Jan 2021 · 1 min read कितना मस्त देखता हूं रोज मैं भीड़ - भाड़ अस्त - व्यस्त अपने ही शोर में मस्त एक शहर बिलकुल बेपरवाह । ट्रैफिक का शोर लोगों का शोर बाज़ार का शोर दुकानों... Hindi · कविता 4 8 466 Share अशोक सोनी 13 Jan 2021 · 1 min read सपने -१ आंखों में सपने लहराते समंदर - से आशाओं की उठती गिरती लहरें भ्रमित खुशियां कहां ठहरें छोटी - छोटी खुशियां और उनकी तलाश कभी अपने में कभी तुम्हारे में यहीं... Hindi · कविता 1 4 363 Share अशोक सोनी 12 Jan 2021 · 1 min read मन - पंछी दिन सूना भीगी रात बयार निगोड़ी करे आघात मन का पंछी पंचम कैसे गाए सिले अधर पथराई बात देखो न फिर होने लगी बिन जलधर कैसी बरसात तृण भीगे भीगे... Hindi · कविता 2 2 591 Share अशोक सोनी 8 Jan 2021 · 1 min read वो मां ही थी अचानक एक दिन पूछ बैठा मेरा दोस्त बताओ तुम्हारा पहला प्यार कौन था ? कैसा था ? कब किया था ? दोस्त की बात सुन अवाक सा मैं कुछ सोचने... Hindi · कविता 5 8 483 Share अशोक सोनी 3 Jan 2021 · 1 min read इतना प्यार मेरी मम्मा प्यारी मम्मा इतना तो बतला दो यार काम काज की उलझन में कहां से लाती इतना प्यार । सुबह सवेरे उठ जाती हो काम में फिर लग जाती... Hindi · कविता 3 2 258 Share अशोक सोनी 30 Dec 2020 · 1 min read फिर तुम आना हुआ कलंकित हर पल शंकित दीन -हीन सन् बीस । विगत बरस की टीस भुलाना फिर तुम आना नेह लिए इक्कीस । पुलक पुलक देह कर आना मुदित पयोद मेह... Hindi · कविता 3 4 291 Share अशोक सोनी 29 Dec 2020 · 1 min read जी करता है.......... इनका उनका मेरा तेरा और हमारा बीत गया जो बचपन सबका प्यारा कहीं धीरे से उसको फिर चुरा ले आएं जी करता है फिर से हम बच्चे हो जाएं दादी... Hindi · कविता 3 8 307 Share अशोक सोनी 26 Dec 2020 · 2 min read रिश्तों का सौंदर्य (नई दृष्टि नई परिकल्पना) एक थी कबरी बिल्ली रानी सीधी भी और चतुर सयानी कहीं से फिर एक चूहा आया लम्बा कद पर दुबली काया चूहा देख बिल्ली ललचाई लेकिन उसको दया भी आई... Hindi · कविता 3 6 336 Share अशोक सोनी 15 Dec 2020 · 1 min read झील सी आंखें याद तुम्हारी बैरन ठहरी नहीं देखती दिन दुपहरी आ जाती है निशि दिन पल-पल धीमे-धीमे चुपके-चुपके छू जाती है मन की देहरी लाख मनाता चंचल मन को भूल अरे कुछ... Hindi · कविता 3 9 549 Share अशोक सोनी 15 Dec 2020 · 1 min read तौर - तरीके आज बरस दर बरस तुम्हारे और मेरे बीच बढ़ते रहे निरंतर फासले और चौड़ी होती गई खाई फासले तो बढ़ने ही थे क्योंकि तुम्हारी हर राह जुदा थी हर चाह... Hindi · कविता 2 334 Share अशोक सोनी 15 Dec 2020 · 1 min read कोरोना कोरोना क्या है कोई व्याधि है ? महाविपदा है ,देह का क्षरण है ? जीवन-मरण है , अदृश्य से रण है ? नहीं , कदाचित नहीं , कुछ नहीं कोरोना... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 27 86 1k Share अशोक सोनी 13 Dec 2020 · 1 min read हर बार तुम तुम मधुमय निर्झर का जल नित्य निनादित नित्य प्रवाहित हर पल निर्मल हर पल कल-कल शीतल हीतल जलधार तुम हो अशांत मन की कगार तुम हो हृदय तल में हर... Hindi · कविता 1 4 292 Share अशोक सोनी 13 Dec 2020 · 1 min read सिर्फ तुम राह तुम्ही हो चाह तुम्ही हो खुशियां थिरकें जहां खुशी से ऐसी मृदुल पनाह तुम्ही हो इन्द्रजाल सी निगाह तुम्ही हो चारू मनोहर चपल साधना दिल की चारागाह तुम्ही हो... Hindi · कविता 2 3 290 Share अशोक सोनी 13 Dec 2020 · 1 min read तुम ही तुम तुम रजनीगंधा नेह सुगंधा तुम गुलमोहर तुम पलाश हो तुम मयंक की धवल हास हो तुम ही अधरों का लिबास हो तुम ही तुम इन नयन समाई लगता है कहीं... Hindi · कविता 1 2 290 Share अशोक सोनी 4 Sep 2020 · 1 min read गिरगिट एक गिरगिट अचानक रूप बदलने लगा नये-नये रंग में पल-पल ढलने लगा । उसको यों करता देख एक गिरगिट दूसरे से बोला यार !यह अकारण क्यों बदल रहा है चोला... Hindi · कविता 2 2 536 Share अशोक सोनी 14 May 2020 · 1 min read नियति चक्र बसंत व्यतीत हो गया , सुख अतीत हो गया , ग्रीष्म की तपन लिए , दुःख ही गीत हो गया । चैन ,अमन ,शांति सब , जाने कहां चला गया... Hindi · कविता 3 8 316 Share अशोक सोनी 13 May 2020 · 1 min read जीवन - पथ दिग्भ्रमित पथिक , आवारा रास्ता , जीवन में जैसे , भटकाव ही भटकाव । कहां जाएं , किधर जाएं , न कहीं ठिकाना , न कहीं ठांव । चिलचिलाती धूप... Hindi · कविता 3 4 278 Share अशोक सोनी 12 May 2020 · 1 min read निश्छल चतुराई सीढ़ी...बस एक ही है । ख्याति.......... सफलता........और... पुरस्कारों की .....। किसी भी कीमत पर...... टिक जाना । और.... । किसी भी कीमत पर........बिक जाना । टेढ़ी-मेढ़ी .. घुमावदार सीढ़ियां ।... Hindi · कविता 2 7 457 Share अशोक सोनी 12 May 2020 · 1 min read सारे कुत्ते चुप सुबह - सवेरे शहर के एक तिराहे पर , चार - छह मरघिल्ले से कुत्ते , भौंक - भौंक कर एक दूसरे से झपट रहे थे । कमजोर होने के... Hindi · कविता 1 2 631 Share अशोक सोनी 11 May 2020 · 1 min read व्यथा कथा श्रम नीर लिए , हिय पीर लिए , भाल पे स्वेद बहा के चले , क्षीण यष्टि लिए , सृजन-दृष्टि लिए , छोड़ के गेह कहां को चले , निस्तेज... Hindi · कविता 7 2 264 Share अशोक सोनी 24 Apr 2020 · 1 min read हे आदित्य हे सूर्य देव , हे शक्ति पुंज , भीषण ज्वाला के कराल कुंज , हे सकल सृष्टि के आदि पुरुष , है नमन तुम्हें हे मार्तण्ड , हे प्रभाकर, सविता... Hindi · कविता 2 2 441 Share अशोक सोनी 21 Apr 2020 · 1 min read चलना होगा अकेले न रथ है न कोई पथ है रथ-पथ विहीन दौड़ा चला जा रहा है अश्वमेध यज्ञ के तुरंग-सा अदृश्य निर्जीव एक विषाणु और विस्तारित हो रहा है रक्तबीज-सा समूचा विश्व... Hindi · कविता 2 260 Share अशोक सोनी 20 Apr 2020 · 1 min read संग-संग लाकडाउन मनाते ( हास्य ) ( व्यथा एक कुंवारे की ) सुन रे कोरोना ! ठहर जाता ग़र महीना दो महीना क्या बिगाड़ हो जाता तेरा मुझसे क्या कोई दुश्मनी थी जो चला आया बना... Hindi · कविता 1 4 303 Share अशोक सोनी 19 Apr 2020 · 1 min read कितना अच्छा लाकडाउन कितना अच्छा लाकडाउन बंद-बंद और सब कुछ बंद चौक चौबारे की चुगली बंद क्रिकेटर की गुगली बंद शराब बीड़ी सिगरेट बंद मेहमानी का गेट बंद प्रेमी का इज़हार बंद दुष्ट... Hindi · कविता 1 4 373 Share अशोक सोनी 4 Apr 2020 · 1 min read खुशियों से नाता जोड़ो ग़म की उम्र कितनी होती है खुशी कहां ज्यादा सोती है थोड़ा-थोड़ा गम अब छोड़ो और खुशियों से नाता जोड़ो चाहे दुःख की घड़ी रही हो चाहे जैसी हवा बही... Hindi · कविता 2 216 Share अशोक सोनी 4 Apr 2020 · 1 min read चिड़िया रानी ओ चिड़िया रानी ! मत आना तुम अब घर आंगन बहुत विषैली हवा हो गई गली - नगर सन्नाटा है रह जाना अब उपवन कानन यहां विषैला कांटा है पहले... Hindi · कविता 1 416 Share अशोक सोनी 3 Apr 2020 · 1 min read क्वारंटाइन मनाओ पूर्व काल में रोम में हुए महान एक संत प्रेम से वैलेंटाइन कहलाए दुनिया में प्रेम का संदेशा लाए बोले बनो सामाजिक दुनिया में प्रेम फैलाओ लगकर गले ,साथ में... Hindi · कविता 1 2 223 Share अशोक सोनी 31 Mar 2020 · 1 min read विश्वास सदा विजयी होता है विश्व के अंतहीन जनशून्य परिपथ में मंगल और अमंगल के मध्य तीव्र वेग से संचलित होता नि:शब्द , सारथी रहित एक रथ । सारथी का न होना इंगितीकरण है किसी... Hindi · कविता 2 390 Share अशोक सोनी 30 Mar 2020 · 1 min read अकल ठिकाने आ गई बेटाराम सात दिनों से घर में बंद हैं मिस्टर भोंदूराम घर से बाहर निकलें कैसे बंद हुए सब काम ध्यान से ये सब देख रहा था मिट्ठू तोताराम देखा कैसी होती... Hindi · कविता 2 252 Share अशोक सोनी 24 Mar 2020 · 1 min read पापा घर में पल दिन कैसे आए ये गांव शहर में बहुत दिनों में ठहरे अब पापा घर में अचानक ये कैसी मुश्किल आन पड़ी है सहमे-सहमे लोग और विपदा की घड़ी है... Hindi · कविता 440 Share अशोक सोनी 20 Mar 2020 · 1 min read क्या उसे इंसाफ मिला वो सर्द मौसम वो सर्द रात अमानवीय दुष्कृत्य घात-प्रतिघात उद्वेलित समग्र राष्ट्र । मां की अकथ व्यथा पिता का संताप लम्बी लड़ाई जीवन की मृत्यु के साथ समवेत आक्रोश समवेत... Hindi · कविता 2 488 Share अशोक सोनी 12 Mar 2020 · 2 min read कभी पिता को भी पढ़ना जिसने तुम्हें गढ़ा है क्या उस पिता को तुमने पढ़ा है कभी फुर्सत मिले तो पढ़ना पढ़ना और समझना उसके एक-एक हर्फ उसके एक-एक शब्द स्नेह में पगे होंगे लेकिन... Hindi · कविता 2 582 Share अशोक सोनी 7 Mar 2020 · 1 min read मां का होना भीतर मन में इस जीवन में मां का होना जैसे किसी दरख़्त की घनी छांव सुख की नींद बेफिक्री का अहसास रिश्तों को जोड़ता जैसे कोई पुल-पुख्ता । उंगलियों का... Hindi · कविता 2 275 Share अशोक सोनी 16 Oct 2017 · 1 min read तुम्हारी प्रतीक्षा मैंने अपनी पूरी उम्र कैद कर ली है इन आंखों में दिनों की गिनती अर्थहीन लगती है अब मैंने तो बरस के बरस इन आंखों के रास्ते तुम्हारी प्रतीक्षा में... Hindi · कविता 604 Share Page 1 Next