Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Apr 2020 · 1 min read

खुशियों से नाता जोड़ो

ग़म की उम्र कितनी होती है
खुशी कहां ज्यादा सोती है
थोड़ा-थोड़ा गम अब छोड़ो
और खुशियों से नाता जोड़ो
चाहे दुःख की घड़ी रही हो
चाहे जैसी हवा बही हो
हाथ आज एक अवसर आया
अपनों को अपनों से मिलाया
मम्मी – पापा सारे बच्चे
दादा – दादी कितने अच्छे
इनकी तरफ मन को मोड़ो
और खुशियों से नाता जोड़ो ।

अशोक सोनी
भिलाई ।

Language: Hindi
2 Comments · 198 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ना देखा कोई मुहूर्त,
ना देखा कोई मुहूर्त,
आचार्य वृन्दान्त
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
अपनी-अपनी दिवाली
अपनी-अपनी दिवाली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
23/78.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/78.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अगर कभी किस्मत से किसी रास्ते पर टकराएंगे
अगर कभी किस्मत से किसी रास्ते पर टकराएंगे
शेखर सिंह
तुममें और मुझमें बस एक समानता है,
तुममें और मुझमें बस एक समानता है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"पता नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
अफसोस-कविता
अफसोस-कविता
Shyam Pandey
घर छूटा तो बाकी के असबाब भी लेकर क्या करती
घर छूटा तो बाकी के असबाब भी लेकर क्या करती
Shweta Soni
हर सांस की गिनती तय है - रूख़सती का भी दिन पहले से है मुक़र्रर
हर सांस की गिनती तय है - रूख़सती का भी दिन पहले से है मुक़र्रर
Atul "Krishn"
*भर कर बोरी रंग पधारा, सरकारी दफ्तर में (हास्य होली गीत)*
*भर कर बोरी रंग पधारा, सरकारी दफ्तर में (हास्य होली गीत)*
Ravi Prakash
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
Bodhisatva kastooriya
मुझको कभी भी आजमाकर देख लेना
मुझको कभी भी आजमाकर देख लेना
Ram Krishan Rastogi
शुभ धाम हूॅं।
शुभ धाम हूॅं।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
किस दौड़ का हिस्सा बनाना चाहते हो।
किस दौड़ का हिस्सा बनाना चाहते हो।
Sanjay ' शून्य'
कहाॅ॑ है नूर
कहाॅ॑ है नूर
VINOD CHAUHAN
प्रकृति के आगे विज्ञान फेल
प्रकृति के आगे विज्ञान फेल
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
लिखना पूर्ण विकास नहीं है बल्कि आप के बारे में दूसरे द्वारा
लिखना पूर्ण विकास नहीं है बल्कि आप के बारे में दूसरे द्वारा
Rj Anand Prajapati
सुबह वक्त पर नींद खुलती नहीं
सुबह वक्त पर नींद खुलती नहीं
शिव प्रताप लोधी
जिसने अपनी माँ को पूजा
जिसने अपनी माँ को पूजा
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
यह जिंदगी का सवाल है
यह जिंदगी का सवाल है
gurudeenverma198
अपने मन मंदिर में, मुझे रखना, मेरे मन मंदिर में सिर्फ़ तुम रहना…
अपने मन मंदिर में, मुझे रखना, मेरे मन मंदिर में सिर्फ़ तुम रहना…
Anand Kumar
फिदरत
फिदरत
Swami Ganganiya
जिंदगी मौत से बत्तर भी गुज़री मैंने ।
जिंदगी मौत से बत्तर भी गुज़री मैंने ।
Phool gufran
आंखों में
आंखों में
Surinder blackpen
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
कुछ इस तरह टुटे है लोगो के नजरअंदाजगी से
कुछ इस तरह टुटे है लोगो के नजरअंदाजगी से
पूर्वार्थ
धूतानां धूतम अस्मि
धूतानां धूतम अस्मि
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पहाड़ की सोच हम रखते हैं।
पहाड़ की सोच हम रखते हैं।
Neeraj Agarwal
Loading...