अरविन्द राजपूत 'कल्प' Tag: ग़ज़ल/गीतिका 180 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल- मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले... मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले। हुआ अवसान दिनकर का सवेरा ढूॅंढने निकले।। घरौंदे को जो ठुकरा कर उड़े थे आसमानों में। परिंदे सांझ होते ही बसेरा ढूॅंढने निकले।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 349 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल- हो गया सो हो गया हम क्या करें... हो गया सो हो गया हम क्या करें। खो गया तो खो गया हम क्या करें।।। रात भर जागा तो दिन में सो गया। सो गया तो सो गया हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 471 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- रोशनी देता है सूरज को शरारा करके... रोशनी देता है सूरज को शरारा करके छीन भी लेता है बस एक इशारा करके दूर मत भाग कभी रब से किनारा करके चमका देगा तुझे इक़ रोज सितारा करके... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 309 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 11 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल- हूॅं अगर मैं रूह तो पैकर तुम्हीं हो... मैं ज़मीं प्यासी मेरे अंबर तुम्हीं हो हूॅं अगर मैं रूह तो पैकर तुम्हीं हो प्यार की इक़ बूंद तुम सागर तुम्हीं हो दिल के अंदर भी तुम्ही बाहर तुम्हीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 334 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 10 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल- क्यों देखते ही देखते मंज़र बदल गए... क्यों देखते ही देखते मंज़र बदल गए। क़ुदरत न बदली आपके तेवर बदल गए।। सबका मक़ाम एक है क्यों घर बदल गए। बदले न रूह ऐ कभी पैकर बदल गए।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 319 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल- जिसने मुझे सिखाया, उस्ताद है पुराना... भूला नहीं हूॅं कुछ भी, सब याद है पुराना। जिसने मुझे सिखाया, उस्ताद है पुराना।। पिंजरा बदल बदल कर, चिड़िया फुदक रही है। नादां समझ न पायी, सय्याद है पुराना।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 326 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 4 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- जिंदा रखना है मुझे तो ज़िन्दगी तक ले चलो... जिंदा रखना है मुझे तो ज़िन्दगी तक ले चलो। मर न जाऊं जब तलक मैं उस खुशी तक ले चलो।। नींद गहरी मिल सके ग़र तीरगी तक ले चलो। ज़िन्दगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 382 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 3 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- नज़र नज़र से छुपा कर नज़र मिला लेना... कभी तू ख़्वाब में आकर नज़र मिला लेना। नज़र नज़र से छुपा कर नज़र मिला लेना।। नज़र सभी से चुरा कर नज़र मिला लेना। ऐ चश्म-ए-नाज़ उठा कर नज़र मिला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 227 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल- सूरज समान दूजा सितारा नहीं हुआ.... सूरज समान दूजा सितारा नहीं हुआ। अपने ही जैसा कल्प दोबारा नहीं हुआ।। आया था अकेला तू अकेला ही जा रहा। ख़ुद के सिवाय कोई सहारा नहीं हुआ।। इक़ वार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 433 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल- आज पछता रहा हूॅं तुझको सितारा करके... आज पछता रहा हूॅं तुझको सितारा करके। अब बसर होता नहीं साथ गुज़ारा करके।। जीत लेना मुझे बस एक इशारा करके। छोड़ती रंगे धनक आंख हजारा करके।। आग बुझ जाएगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 241 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:-खोजने निकला मैं किस्मत का सितारा रात में... खोजने निकला मैं किस्मत का सितारा रात में। दिन के हिस्से में गया सूरज तभी ख़ैरात में।। तप रहा उसका बदन जैसे शरारा आग का। हो सितारों से अलग आ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 357 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 24 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- मियां बस आपकी ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी... मियां बस आपकी ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी। सज़ी महफ़िल यहां आख़िर ग़ज़ल कहना पड़ेगी। ज़मा साहित्य के साहिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी।। हसीं महफ़िल बड़े शाइर ग़ज़ल कहना पड़ेगी।। नज़र पैनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 464 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 24 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- तेरे सम्मान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी अब... तेरे सम्मान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी अब। मेरे ईमान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी अब।। किये ऐलान की ख़ातिर मिले अनुदान की ख़ातिर। हुए नुक़सान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 234 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 23 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- ऑंखों में क़ैद रहना सुनहरा लगा मुझे... ऑंखों में क़ैद रहना सुनहरा लगा मुझे मंज़र हसीन दिल का वो पहरा लगा मुझे क़ातिल निगाह उसकी मेरा क़त्ल कर गई मासूम फिर भी यार का चेहरा लगा मुझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 249 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 22 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- नज़रिये देखने के गर बदल गये होते... नज़रिये देखने के गर बदल गये होते। दिलों की बात क्या पत्थर पिघल गये होते।। ज़रा सा तुम भी जो पीछे पिछल गये होते। लगा के सीने से हम भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 238 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- हमारे इश्क़ के शैदाइयों में तुम ही थे... हमारे इश्क़ के शैदाइयों में तुम ही थे। हमारे दिल की हसीं वादियों में तुम ही थे।। हमारे हुस्न की रानाईयों में तुम ही थे। हमारी आंख की बीनाईयों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 242 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- हमारे हुस्न पे ऐसे मचल गये साजन... हमारे हुस्न पे ऐसे मचल गये साजन। हमारी जान ही ले कर निकल गए साजन।। हमारी हड्डियों का चूरमा बना डाला। समझके हमको तो गद्दा उछल गये साजन।। समझ के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 422 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 11 Jan 2022 · 1 min read @ग़ज़ल:- .. मत दिखाओ आंखें अपनी असलियत तो पूछ लो। जाओ बेटा घर में अपनी हेसियत तो पूछ लो।। जिनके दम पर हो फुदकते ले रहे किलकारियां। अपने आकाओं से उनकी खैरियत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 239 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 9 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- शक़ नियत पर अब ज़रा होने लगा... शक़ नियत पर अब ज़रा होने लगा। सोना बन पीतल खरा होने लगा।। मुफ़लिसी में छोड़ देते थे कभी। अब निमंत्रण भी झरा होने लगा।। कैसे जिंदा हम रहेंगे ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 402 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Oct 2021 · 1 min read ग़ज़ल- भुला दूं कैसे... भुला दूं कैसे भला प्यारी झप्पियां उसकी। सदाएं बनके खनकती है चूड़ियां उसकी।। गिनाऊं कैसे जमाने को खूबियां उसकी। हैं याद आती बहुत ही वो मस्तियाँ उसकी।। सुकूं मिला था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 353 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 22 Aug 2021 · 1 min read @ग़ज़ल:- शिलान्यास हो गया... आता चुनाव देख शिलान्यास हो गया। गंजे के सर पे केश का विन्यास हो गया।। उड़ते थे हम गगन में घरौंदों से मुक्त थे। पिंजरे में कैद करके पुनर्वास हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 290 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 18 Aug 2021 · 1 min read ग़ज़ल:- मेरे ही क़त्ल का इल्ज़ाम मेरे सर आया... अजीब वाक़या तफ़्तीश मे नज़र आया मेरे ही क़त्ल का इल्ज़ाम मेरे सर आया अभी तो साॅंझ के पल्लू से बाॅंध कर आया फलक पे शम्स़ ऐ कब दूसरा उभर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 294 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 11 Aug 2021 · 1 min read ग़ज़ल:- दे मौला.... ऐ भूत मज़हबी सर से उतार दे मौला मेरे वतन में भी चैनो-बहार दे मौला उबाऊ जिंदगी से अब उवार दे मौला जो एक पल दे मग़र यादगार दे मौला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 346 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Aug 2021 · 1 min read ग़ज़ल:- अक़्सर.... खुश़्बुओं पर मैं लपक जाता हूॅं अक़्सर।। राह से अपनी भटक जाता हूं अक़्सर। मिल गया चुनने अगर दाना कहीं तो। मैं परिंदों सा चहक जाता हूं अक़्सर।। एक पल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 408 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 7 Aug 2021 · 1 min read ग़ज़ल :- कल्प' अभी भी बाक़ी है... हारो नहीं विकल्प अभी भी बाक़ी है। जीतोगे संकल्प अभी भी बाक़ी है।।। जिंदा रहूंगा इस दुनिया से जाकर मैं। मेरा ये संकल्प अभी भी बाक़ी है।। ख़त्म हुए सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 541 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 6 Aug 2021 · 1 min read ग़ज़ल- इश़्तहारों में न पड़िए कल्प साहिब... फूल ख़ारों में न पड़िए कल्प साहिब। गुल बहारों में न पड़िए कल्प साहिब।। ख़ुद-ब-ख़ुद ही शख़्शियत देती गवाही। इश्तहारों में न पड़िए कल्प साहिब।। इक़ अकेला शम्स काफी आसमां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 308 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 1 Aug 2021 · 1 min read ग़ज़ल:- पिता मिट न जाये छांव मेरी धूप में चलता रहा। क़द बड़ा हो जाए उसका सूर्य सा ढलता रहा।। ये अंधेरा कब निगल ले प्यारी सी परछाईं को। रात भर इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 327 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 31 Jul 2021 · 1 min read ग़ज़ल:- अपने बच्चे अब सयाने हो गये... ग़ज़ल:- अपने बच्चे अब सियाने हो गये… दर-ब-दर, हम बे-ठिकाने हो गये। अपने बच्चे अब सयाने हो गये।। खंडहर से हम पुराने हो गये।। थे महल अब भूतखाने हो गये।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 3 360 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 30 Jul 2021 · 1 min read @ग़ज़ल:- क्या रक्खा है... कलियों का मकरंद पिया तो, क्या रक्खा है फूलों में बाहों में जब झूल लिया तो, क्या रक्खा है झूलों में।। आज़ाद गगन के पंछी को, बंधक बन रहना ठीक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 279 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 27 Jul 2021 · 1 min read ग़ज़ल:-हर इक़ दिल में तिरंगा रचा-बसा होता.... किसी को सच का सही में अता पता होता। ख़ुदा न आदमी का यूं ज़ुदा-ज़ुदा होता।। हमारा मुल्क़ न टुकड़ों में यूं बटा होता। न मेरे मुल्क़ का नक़्शा कटा-छटा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 449 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 Jul 2021 · 1 min read @ग़ज़ल:- वब़ा नहीं ये सियासी ज़ुकाम लगता है... यूॅं राजनीति में तो साम दाम लगता है। छुपाने ऐब उसे तामझाम लगता है।। जहां की नीम में जामुन या आम लगता है। वहां के वाग का किस्सा तमाम लगता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 317 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 9 Nov 2020 · 1 min read ग़ज़ल- तारीफ़ करना ग़ज़लों में व्यौहार हो गया... तारीफ़ करना ग़ज़लों में व्यौहार हो गया। तनक़ीद करने वाला गुनहगार हो गया।। सच बोलना पसंद किसी को नही यहाँ। तारीफ़ झूठ-मूठ ही उपहार हो गया।। आभासी फेसबुक पे चलन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 479 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 3 Nov 2020 · 1 min read #ग़ज़ल- #वो_चाहता_है कि मैं उसको अब #मुआफ़ करूँ... वो चाहता है कि मैं उसको अब मुआफ़ करूँ। ख़ुद अपने क़त्ल के ही ख़ून को मैं साफ़ करूँ।। रहें ये राज़ सदा राज़ अब नही मुमकिन। घुमाफिरा के नही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 246 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Oct 2020 · 1 min read #ग़ज़ल:- दे नशा भरपूर मेरी शाइरी... दे नशा भरपूर मेरी शाइरी। ग़म से रक्खे दूर मेरी शाइरी।।1 मयकशी भी जब असर करती न हो। तब करे मख़मूर मेरी शाइरी।।2 फ़लसफ़ा हर शे'र में भरपूर हैं। है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 549 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 10 Oct 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- खोटे सिक्के अब चलन में चल रहे हैं... खोटे सिक्के अब चलन में चल रहे हैं। झूठ के परिवेश में सब ढल रहे हैं।। डस रहें हैं साँप बन कर वो मुझे ही। आस्तीनों में जो मेरी पल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 332 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Jun 2020 · 1 min read ग़ज़ल :- गुलबदन कर दिया खुशबुओं ने मुझे... आसरा जब दिया बाजुओं ने मुझे। गुलबदन कर दिया खुशबुओं ने मुझे।। इक़ बहम था कि मैं टूट सकता नहीं। रात पिघला दिया आँसुओं ने मुझे।। था अँधेरा समेटे जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 317 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 30 May 2020 · 1 min read ग़ज़ल :-दर्द-ए-दिल आपका समझता हूँ... दर्द-ए-दिल आपका समझता हूँ। हाल संताप का समझता हूँ।। जल रहा जिस विरह की वेदी पर। फल तेरे श्राप का समझता हूँ।। ज़िंदगी हो गई जहन्नुम सी। कर्ज उस पाप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 299 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 May 2020 · 1 min read ग़ज़ल :- क़द में तू बड़ा पर तेरा किरदार नही है... क़द में तू बड़ा पर तेरा किरदार नही है। ये आसमाँ तेरा कोई आधार नही है।। इक शम्स चमकता है अकेला ही फ़लक में। मत भूल उसी शम्स का इक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 344 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 29 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल- आसमाँ को जमीं पे लायेंगे... आसमाँ को जमीं पे लायेंगे। एक दिन हम ये कर दिखायेंगे।। रस्म-ए-उल्फ़त सदा निभायेंगे। बीज नफ़रत का हम मिटायेंगे।। जल रहे लोग जो भी नफरत से। प्रेम का हम सबक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 251 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल- मेरा हो कर भी वो पराया है... मेरा हो कर भी वो पराया है। बाहों में गैर की समाया है।। दिल मे रहता जगह नही घर में। हमने कैसा नसीब पाया है।। ज़ख्म हमने छुपा लिए अक्सर।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 288 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- जिंदगी का निशान बाक़ी हैं.... जिंदगी का निशान बाकी हैं। मुझ में अब भी तो जान बाकी है।। हौसलों की उड़ान बाकी है। नापने आसमान बाकी है।। हार तो हम गये बहुत पहले। झूठ तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 413 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Apr 2020 · 1 min read @ग़ज़ल- वो शक़्ल मेरी देख बदहवास हो गयी... वो शक़्ल मेरी देख बदहवास हो गयी। जो पास देखा मुझको तो उदास हो गई।। लो घर की मुर्गी घर में आज ख़ास हो गयी।। थी कड़वी नीम जैसी वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 247 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Apr 2020 · 1 min read @ग़ज़ल:- आप इल्ज़ाम ही लगाते हो... ग़ज़ल- आप इल्ज़ाम ही लगाते हो। प्यार हम पर ही क्यों लुटाते हो।। कह न पाओ जुबां से दिल की लगी। खीज़ हम पर निकाले जाते हैं।। जानी दुश्मन समझ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 241 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- कलकल छलछल अविचल सरिता बहती है... मुसलसल ग़ज़ल:- सरिता-साहिल और सागर कलकल छलछल अविचल सरिता बहती है। साहिल की रुकना मजबूरी रहती है।। एक कदम ना साथ चले साहिल उसके। दर्द जुदाई सरिता घटघट सहती है।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 506 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- जब धरा को बादलों से, आस बन गई होगी... जब धरा को बादलों से, आस बन गई होगी। इश्क़ की लबों पे इक़, प्यास बन गई होगी।। सर्दी धूप बारिश की, मौसमी बहारों में। आशिक़ी ही क़ुदरत का, रास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 247 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल;- क्या अँधेरों में हमें ऐब छुपाने होंगे... क्या अँधेरों में हमें ऐब छुपाने होंगे। घर की बिजली को बुझा दीप जलाने होंगे।। ताली थाली को बजा ध्यान जगत का भटके। अपनी नाकामी छुपाने के बहाने होंगे।। सारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 5 247 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल- मिलने की ललक दिल मे, कसक बनके रहेगी... मिलने की ललक दिल मे, कसक बनके रहेगी। दिलवर की कही बात, सबक बनके रहेगी।। हाँथो की लकीरों में, नहीं नाम तुम्हारा। तेरी कमी तो दिल मे कसक बनके रहेगी।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 346 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 23 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- वो एक झलक दिल मे, कसक बनके रहेगी... वो एक झलक दिल मे, कसक बनके रहेगी। यादों में तो हर बात, सबक बनके रहेगी।। गिनती में भले चार, मग़र स्वाद हमीं से। आंटे में नमक की ही, चमक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 251 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- नग़मे वफ़ा के गाएंगे... नग़मे वफ़ा के गाएंगे। हम तुम जब मिल जाएंगे।। मुश्किल है जिंदा रहना। बिन तेरे हम मर जायेंगे।। मिलना जुलना बंद हुआ। हम कैसे रह पायेंगे।। रहे सलामत घर तेरा।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 230 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- पेड़ बड़ा हो इतराये... पेड़ बड़ा हो इतराये। देख जड़ों को शरमाये।। अपनों से डर लगता है। गैरों से कब घबराये।। अक़्सर झुक कर चलते हम। सर न फ़लक से टकराये।। सागर सहम गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 426 Share Page 1 Next