अरविन्द राजपूत 'कल्प' Tag: कविता 23 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अरविन्द राजपूत 'कल्प' 22 Jul 2021 · 1 min read कविता- नैना ?️ *नैना* ?️ ✍ *अरविंद राजपूत 'कल्प'* सुंदर और सजीले नैना नट-खट और हटीले नैना करें शिकार शिकारी बन के छल-बल छैल छबीले नैना सुरा-सुंदरी से भी बढ़कर है मदमस्त... Hindi · कविता 839 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 10 Apr 2020 · 1 min read कविता:- कोरोना महामारी है.... कविता:- “कोरोना महामारी है” ✍ अरविंद राजपूत ‘कल्प’ सारे जग में फैल चुकी ये, कोरोना महामारी है। फैल रही जो छुआछूत से, ऐ संक्रामक भारी है।। दहलीज न पार करो... Hindi · कविता 333 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 3 Jan 2020 · 2 min read कविता- नेता जी की बंडी हो गये... नेता जी की, बंडी हो गये झण्डे वाली, डंडी हो गये खरपतवार हुए सरकारी तुम सारे, पाखंडी हो गये। नेता जी की... नाम बदल लो, जात बदल लो वक्त पड़े... Hindi · कविता 4 451 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 30 Dec 2019 · 1 min read हर सीजन के फल लगते हो हर सीजन के फल लगते हो निर्मल गंगा जल लगते हो तुम्हें समझते लोग बुढापा तुम आने वाले कल लगते हो। पार कर गये उमर बाप की टपक रही क्यों... Hindi · कविता 292 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 29 Dec 2019 · 1 min read ? *कुछ पहेलियां कुछ अठखेलियां*? ? *कुछ पहेलियां कुछ अठखेलियां*? *1* झूठ को सच बनाने की मशीन आ गई है। जनता में भ्रम फैलाने की मशीन छा गई है।। हर कोई इसका दीवाना है हर... Hindi · कविता 281 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 Mar 2019 · 1 min read व्यंग्य- सांढ सरीको ढेंक रओ है हर कुई अपनी सेंक रओ है। इते उते की फेंक रओ है।। जाने माने कछ्छू नई। गधा पढ़ारो रेंक रओ है।। अपने मुंह मिट्ठू बन के, मौआ-छोले की मेंक रओ... Hindi · कविता 1 1 258 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 25 Mar 2019 · 1 min read व्यंग्य- बुंदेलखंडी बोली में *व्यंग्य- बुंदेलखंडी बोली में* ✍? *अरविंद राजपूत 'कल्प'* रे मेढ़क जैसे मत टर्राओ, उछलकूंद ने ख़ूब मचाओ। वे-मौसम तुम टर्ररा रह हो, सींढ़ पाय के गर्रा रह हो।। जुगनू हो... Hindi · कविता 435 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Feb 2019 · 1 min read आरती - आरती श्री नरहरिया जी की। साईं सरोवर नर्मदा जी की।। आरती श्री नरहरिया जी की। साईं सरोवर नर्मदा जी की।। जब दुर्भिक्ष ने पाँव पसारे। दुखियों के सब कष्ट निवारे।। साईंधाम में आप विराजे। तलापार के बाबा जी की।। आरती... Hindi · कविता 278 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Dec 2018 · 1 min read हे पथिक तुझको है चलना हे पथिक तुझको है चलना रुक न पाएं ये कदम। जीतना है इस जगत को जो बढ़े तेरे कदम।। राह में बाधा बहुत हैं सोचकर घबराना मत। चल पड़ा है... Hindi · कविता 2 2 286 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ व्रह्मा विष्णु महेश है, माँ सृष्टि में सबसे विशेष है। माँ ममता का पर्याय है, माँ का त्याग दया अशेष है।। माँ गीता है माँ कुरान है, माँ ऋचा... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 26 574 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Oct 2018 · 1 min read हर वर्ष दशहरा आता है हर वर्ष दशहरा आता है अन्याय पर न्याय की जीत दर्ज कराता है न्याय का तो पता नहीं अन्याय हर वर्ष बड़ा हो जाता है हर वर्ष दशहरा आता है... Hindi · कविता 468 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Jul 2018 · 1 min read व्यंग:- चम्मच तेरी लीला अपरंपार है.... चम्मच तेरी लीला अपरंपार है अपने आकाओं का तुमसे होता अब उद्धार है।। चम्मच तेरी लीला अपरंपार है… जिसके पास हो चमचों की जितनी भी भरमार है उसकी कदर बढ़े... Hindi · कविता 1 1 929 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 22 Jun 2018 · 1 min read लोक कविता- संगी-साथी मजा लेत हैं संगी-साथी मजा लेत हैं, बूढ़ो मुंडा मोहे केत हैं। कभी झुरियां चाँद बता के, मेरो हर कुई मजा लेत हैं।। छोटो होतो माँ है चिल्लातो, इते उते की मैं उरझातो।... Hindi · कविता 505 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Jun 2018 · 1 min read नही चाहता पुनर्जन्म अब, नही चाहता पुनर्जन्म अब, न फिर मानव तन पाऊँ। ऐसी योनि देना भगवन, परहित धरम निभा पाऊँ।। भाई-भतीजा मेरा-तेरा, करते-करते थक गया हूँ। दंभ-झूठ पाखंड के पथ पर, चलते-चलते थक... Hindi · कविता 611 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 15 Jun 2018 · 1 min read मत माँ के आंचल को बांटो पहले बांट दिया धर्मों में, अब बांटा है जाति में मानवता का खून किया, लात मार दी थाती में काबा और कैलाश बटा धरती और आकाश बटा सरहद बांटी देशों... Hindi · कविता 1 1 567 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 11 Jun 2018 · 1 min read जब से धन रंगीन हुआ है जब से धन रंगीन हुआ है, अपना मन गमगीन हुआ है। छोड़ा रकम ने साथ हमारा बैंकों के आधीन हुआ है।। सफेदपोशों का काला धन चलन में अब रंगीन हुआ... Hindi · कविता 297 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 29 May 2018 · 1 min read अब ज़िद यही है मेरी - आरक्षण साफ़ करना मेहनत करूँ मैं दिल से, फिर भी मिले न अपना। कुछ लोग भी हैं ऐसे, जो छीने मेरा सपना।। पढ़ पढ़ हुआ पढ़ा मैं, हरदम रहा हूँ अब्बल। पढ़ना न... Hindi · कविता 568 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 10 Oct 2017 · 2 min read कल्पतरु चालीसा स्वामी विद्यानंद जी, नरहरि केशवानंद। साईंधाम की पुण्यधरा पर, चहु ओर आनंद।। कल्पतरु अभियान है, कदम्ब का अवतार। जड़बुद्धि'कल्प' बखान करे,जीव-जगत का सार।। अँगना तुलसी पौध लगावे।सकल सिद्धि सुख संपत्ति... Hindi · कविता 1k Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 14 Sep 2017 · 1 min read अनमोल कथन "समस्या और उसका समाधान हम स्वम् हैं, अपेक्षा निरर्थक है।" -अरविंद राजपूत "कल्प" "बदलना प्रकृति का सिद्धांत है, मगर सिद्धांत न बदल पाएं ऐसी हमारी प्रकृति हो।' - अरविंद राजपूत... Hindi · कविता 405 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 14 Sep 2017 · 1 min read भारत भाषा हिंदी दुनिया में लाखों भाषाएँ, मेरी भाषा हिंदी। अलंकारों से सजी हुई है, भारत भाषा हिंदी।। दसों रसों का सार है जिसमें,रसमयि भाषा हिंदी। छंदों से गरिमा है जिसकी,छंदावाली है हिंदी।।... Hindi · कविता 818 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Sep 2017 · 1 min read शिक्षा देना ध्येय हमारा नहीं मान-सम्मान चाहता, शिक्षित हो हर वर्ग हमारा। अभावों के पथ पर चलकर, शिक्षा देना ध्येय हमारा।। दीप समान जलाया खुद को, अंधियारों में परिजन पाए। ज्योति जला शिक्षा की... Hindi · कविता 1 2 483 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 29 Jan 2017 · 2 min read मॉ की कोख मैं मुझे न मारो पापा मेरे प्यारे पापा, मुझे अपना लो पापा जी । मां की कोख में मुझे न मारो, मुझे बचा लो पापा जी ।। मुझको तुम दुनिया दिखला दो, मेरे प्यारे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 1 2k Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 29 Jan 2017 · 2 min read मॉ की कोख में मुझे न मारो *मॉ की कोख में मुझे न मारो* ✍?अरविंद राजपूत पापा मेरे प्यारे पापा, मुझे अपना लो पापा जी । मां की कोख में मुझे न मारो, मुझे बचा लो पापा... Hindi · कविता 1 773 Share