Abhishek Rajhans Language: Hindi 74 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Abhishek Rajhans 4 May 2017 · 1 min read वो हमारी पहली मुलाकात थी वो हमारी पहली मुलाकात थी हिचकिचाहट से भरी वो बात थी चाँद निकला था पुरे सबाब पे वो हमारी चांदनी रात थी वो हमारी पहली मुलाकात थी चाय से शुरू... Hindi · कविता 2 703 Share Abhishek Rajhans 29 Mar 2019 · 1 min read मैं गलत नहीं था मैं गलत नहीं था तुमने मुझे समझा ही नहीं था क्या कुछ किया था मैंने ऐसा जो तुम्हे मुझसे दूर कर गया था बताना तो था ना कम से कम... Hindi · कविता 809 Share Abhishek Rajhans 3 Nov 2018 · 1 min read माँ को लगता है माँ को लगता है बेटा उसकी फ़िक्र नहीं करता पर वो नहीं जानती जब वो नंगे पाँव चलकर अपने पैर में कुछ चुभो लेती है तो दर्द बेटे को भी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 35 623 Share Abhishek Rajhans 6 Apr 2019 · 1 min read जब तुम मिलोगी जब तुम मिलोगी जाने कैसे मिलोगी जितनी शिद्दत से करता आया हूँ क्या तुम भी मेरा उतना ही इंतज़ार करती रही होगी बेचैन हो कर करवटे बदल रही होगी जज्बातों... Hindi · कविता 580 Share Abhishek Rajhans 21 Nov 2018 · 1 min read मेरा गांव बदल रहा है मेरा गांव अब बदल रहा है थोड़ा-थोड़ा सा शहर हो रहा है काका ,मामा, फूफा -फूफी अंकल-आंटी हो रहे हैं गुड़ के ढेलियों की जगह कुरकुरे-मैग्गी ले रहे हैं बच्चे... Hindi · कविता 3 1 605 Share Abhishek Rajhans 3 Mar 2018 · 1 min read बचपन वाली होली याद आती है आज वर्षो बाद वो बचपन वाली होली जब माँ निपती थी आँगन को गोबर से मिट्ठी के चूल्हे पे छनते थे मालपुए और सारे बच्चे घर के... Hindi · कविता 2 590 Share Abhishek Rajhans 12 Mar 2019 · 1 min read वक़्त-बेवक़्त कुछ भी वक़्त -बेवक़्त कुछ भी लिख दिया करता हूँ कभी अपने जख्म तो कभी मरहम लिख दिया करता हूँ कभी मन की आशा तो कभी कुंठा लिख दिया करता हूँ कभी... Hindi · कविता 1 576 Share Abhishek Rajhans 26 Nov 2018 · 1 min read भूलना नहीं चाहता आज का दिन याद नही करना चाहता संस्मरण में भी उसका अवशेष शेष नही रखना चाहता ये दर्द जो बरसो पहले तड़पा गया था अपनो की आग में अपनों को... Hindi · कविता 3 1 493 Share Abhishek Rajhans 12 Nov 2018 · 1 min read तुम लौट आओ ना मैं आज भी हूँ वही जहां ठहरा था वक़्त भी तेरे -मेरे लिए सिफारिशें कर रही है हवाएं फिर आज जैसे बहका गई थी तुम्हारे केशो को हवाओं ने फिर... Hindi · कविता 1 498 Share Abhishek Rajhans 7 Mar 2019 · 1 min read कैसे भूलूँ वो सब मैं कैसे भूलूँ वो सब जो तुमने मुझे दिया था वो ज़ख्म ,जो नासूर बन कर मेरे भीतर धंसा था उसका दर्द आज भी मेरे भीतर ताजा है मुझे याद... Hindi · कविता 534 Share Abhishek Rajhans 6 Apr 2019 · 1 min read इश्क़ था शायद.. हाँ, कहना था तुमसे पर कभी कह नहीं पाया बाते बेहिसाब करता था खुद से पर तुम्हे देख कर अक्सर खामोश सा हो जाता था मुझे कहना था बहुत कुछ... Hindi · कविता 503 Share Abhishek Rajhans 13 Apr 2018 · 2 min read कहाँ है हमारा संविधान शीर्षक--कहाँ है हमारा संविधान देखिये भाईयो और बहनों हम सब भारतवासी ही है सबसे बड़ा लोकतंत्र है हमारा क़ानून की किताब भी है भैया अरे वही जिसे हम संविधान कहते... Hindi · कविता 1 445 Share Abhishek Rajhans 1 Mar 2018 · 1 min read है मुझे भी इंकार प्रिये शीर्षक-है मुझे भी इंकार प्रिये जब मैं बीच समन्दर मझदार में था जब लहरों में बिन पतवार था जब वक़्त मेरा ,तेरे इंतज़ार में था था तुझे इंकार प्रिये था... Hindi · कविता 2 444 Share Abhishek Rajhans 1 Mar 2018 · 1 min read भूल नहीं पाता तुम्हे शीर्षक-भूल नहीं पाता तुम्हे आज भी घर के बरामदे में बैठ अपने चश्मे को पोछता हुआ मैं इंतज़ार कर रहा तुम्हारा हवा बहती हुई जब पर्दों को उड़ा ले जाती... Hindi · कविता 2 423 Share Abhishek Rajhans 7 Nov 2018 · 1 min read प्यार होता है क्या प्यार होता है क्या मैं नही जानता कोई बादल बिगडैल जब आसमां छोड़ कर धरा से मिल जाए प्यार शायद वहीं फिर से शुरू हो जाये कही नाचते रहे मोर... Hindi · कविता 3 3 439 Share Abhishek Rajhans 7 Nov 2018 · 1 min read मुझे न याद आया इस शहर की रोशनी में मैं माटी के दिये जलाना भूल आया मोमबत्तियों को कहीं यूँ ही सिसकती छोड़ आया मैं अपने गांव का घर कहीं पीछे गुम कर आया... Hindi · कविता 3 436 Share Abhishek Rajhans 28 Feb 2018 · 1 min read लक्ष्य संधान हो.... शीर्षक–लक्ष्य संधान हो… बहुत हुआ अपरिचित हो कर जीवन जीना अब कोई मनुष्य व्यर्थ न हो निज जीवन का कोई तो अर्थ हो हर जीवन चरित्र को गुणगान हो बस... Hindi · कविता 2 368 Share Abhishek Rajhans 4 Aug 2019 · 1 min read ऐ दोस्त मेरे मुझे नहीं पता तुम कब ,क्यों और कैसे आ गए अजनबी ही थे तुम मेरे लिए और मैं तुम्हारे लिए पर जब से तुम आये हो मुझे मेरा हो कर... Hindi · कविता 1 351 Share Abhishek Rajhans 31 Dec 2018 · 1 min read जा रहा हूँ मैं जा रहा हूं मैं फिर कभी न आऊँगा तुम ने जिया है हर पल मुझे मैं तुम्हारे लिए तुम्हारा कल दे जाऊंगा तुम एक बार पीछे मुड़ कर देखो जब... Hindi · कविता 352 Share Abhishek Rajhans 30 Nov 2018 · 1 min read तुम मामूली हो ,मामूली बन कर रहो ना गड़े मुर्दे मत उखाड़ो यारो कुछ लोगो की सुकून की नींद क्यों गायब करना चाहते हो तुम मामूली हो , मामूली बन कर रहो ना ये तो खेल है बस... Hindi · कविता 4 1 340 Share Abhishek Rajhans 25 Jan 2019 · 1 min read फिर मुलाकात होगी कभी.. जो हो न सकी इस बार तो फिर मुलाकात होगी कभी इस जनम में न सही तो अगले जनम में हीं कही ये चांद रहेगा और रहेगा सूरज भी तुम... Hindi · कविता 331 Share Abhishek Rajhans 4 Mar 2019 · 1 min read जवाब वाला खत तुम्हारा लिखा वो खत वो खत जो मुझे मजबूर कर रहा था खता करने से वो खत जिसे तुमने चुपके से रख दिया था मेरे छत की बालकनी में और... Hindi · कविता 409 Share Abhishek Rajhans 30 Nov 2018 · 2 min read मेरे देश की औरते औरते मेरे देश की औरते बड़ी विचित्रता का बोध कराती है अपने आत्मसम्मान की चिंता किये बिना सब कुछ करती जाती है वो बस सबसे प्रेम करती जाती है अपनो... Hindi · कविता 2 1 308 Share Abhishek Rajhans 6 Apr 2018 · 1 min read मैं फिर आऊँगा शीर्षक--मैं फिर आऊंगा मैं फिर आऊंगा तुम्हारे सपनो में तुम्हे नींद से जगाने या तुम्हारी नींद चुराने मैं फिर आऊंगा बादल बन तुम्हे खुद में भीगाने या फिर खुद में... Hindi · कविता 2 1 295 Share Abhishek Rajhans 13 Jan 2019 · 1 min read अब मैंने भी तुम्हारे बिना मैंने जीना सीख लिया है थोड़ा सा नीचे गिर कर उठना सीख लिया है तुम जा रहे हो तो जाओ ना अब मेरी आँखों ने तुम्हारे लिए आँसू... Hindi · कविता 296 Share Abhishek Rajhans 15 Nov 2018 · 1 min read भूल जाना जरूरी होता है कभी-कभी खुद को फैलाने के लिए अपने अतीत को समेटना जरूरी होता है जलते हुए आग से राख तो निकलेंगे हीं उन राखो से अपने हाथ बचाना जरूरी होता है... Hindi · कविता 2 2 277 Share Abhishek Rajhans 21 Nov 2018 · 1 min read मुमकिन है मुमकिन है कि ख़ुदा मिल जाए जो ख़ुदा न मिले तो तुम मिल जाओ तुम मेरे लिए ख़ुदा बन जाओ मुमकिन है कि मोहब्बत फिर किसी से हो जाए दिल... Hindi · कविता 2 1 270 Share Abhishek Rajhans 27 Nov 2018 · 1 min read ज़िन्दगी रास नहीं आती दर्द से दोस्ती है मेरी खुशियां रास नही आती ओढ़ भले लेता हूँ चादर पर आंखों को नींद नही आती कुछ ऐसा किया है जमाने ने मेरे साथ मौत माँगना... Hindi · कविता 1 3 274 Share Abhishek Rajhans 16 Nov 2018 · 1 min read मैं बस मैं बनकर रहना चाहता हूँ मैं बस मैं बनकर रहना चाहता हूँ अभावो की गोद में पला हूँ दिन के उजाले को जीने के लिए रात-रात भर जागना चाहता हूँ अब आईने में खड़ा हो... Hindi · कविता 1 276 Share Abhishek Rajhans 28 Feb 2018 · 1 min read अगर मैं लड़की होता शीर्षक–अगर मैं लड़की होता अगर मैं लड़की होता तो क्या सबकुछ होता ऐसा जैसा होता आया है क्या माँ मुझे भी मेरे भाई जितना प्यार मुझे भी देती मुझे अपनी... Hindi · कविता 2 284 Share Abhishek Rajhans 4 May 2017 · 1 min read वो अबोध शीर्षक-वो अबोध वो अबोध पतले उसके हाथ पैर बेजान सी उसकी काया उम्र सात साल की मासूमियत से भरी उसकी आँखे आँखों में चंद सिक्के पाने की चाहत उस चाहत... Hindi · कविता 1 1 260 Share Abhishek Rajhans 6 Nov 2018 · 1 min read भीड़ भीड़ कहाँ किसी की होती है जब वो सामने होती है तो जयकारे लगाती है जब वो पीछे होती है जान ले के ही जाती है भीड़ को अपनी आंख... Hindi · कविता 3 2 263 Share Abhishek Rajhans 23 Nov 2018 · 1 min read मेरा घर ये घर मुझे अब बियाबान सा लगता है अपना है फिर भी अनजान सा लगता है जहां कभी जन्नत से नजारे थे आज वही घर कब्रिस्तान सा लगता है तारो... Hindi · कविता 1 272 Share Abhishek Rajhans 8 Apr 2019 · 1 min read सुन रहे हैं जी-- सुन रहे हैं जी- मौसम बदल रहा है शहर का थोड़ा अपना मिजाज भी बदल लीजिये चुनावी बयार बह रही है भैया क्यों पड़े रहते हो ,दीवारों के मकान में... Hindi · कविता 282 Share Abhishek Rajhans 25 Mar 2018 · 1 min read आओ राम बने शीर्षक--आओ राम बने राम वर्णन निज मैं कैसे करूँ सीता-राम मैं नित सुमिरन करूँ जो राम देखूँ तो फिर और क्या देखूँ राम को तो बस राम ही में देखूं... Hindi · कविता 1 261 Share Abhishek Rajhans 4 Mar 2019 · 2 min read ये तो हद हो गयी ना जब पहली बार तुम्हे देखा था बेहद ही करीब से देखा था बहुत ही खूबसूरत लगी थी तुम अरे तुम कहां दिखी थी दिखी तो तुम्हारी बस बड़ी-बड़ी आंखे थी... Hindi · कविता 271 Share Abhishek Rajhans 22 Apr 2019 · 1 min read ये वक़्त है ना ये वक़्त है ना किसी का ये सुनता कहाँ है किसी के रुकने से रुकता कहाँ हैं दिन, रात या सुबह और शाम ठिठुरती हुई सर्दी या तपती गर्मी उमड़ते... Hindi · कविता 1 263 Share Abhishek Rajhans 11 Dec 2018 · 1 min read कुछ नही बचा अब कुछ नहीं बचा अब सब खत्म हो गया उम्मीद की बूंद का आखिरी कतरा भी आज आंखों से बह गया बंद कमरे का अंधेरा आज मुझसे मेरी रोशनी छीन गया... Hindi · कविता 265 Share Abhishek Rajhans 31 Jul 2019 · 1 min read वो मित्र बने ,वो सखा बने आसान नहीं था करना सबको साथ ले कर चलना नित्य नयी बाधाओं के साथ उठना-बैठना लेश मात्र भी कदम ना ठिठके उनके वो खुद भी बढ़े सबको साथ बढ़ाते भी... Hindi · कविता 274 Share Abhishek Rajhans 11 Dec 2018 · 1 min read क्या करूँ अब और मैं बहुत थक गया हूँ मैं अब और चला नहीं जाता सांसे ले लेता हूँ किसी तरह अब और जिया नहीं जाता ज़िन्दगी अकारण ही लगती है मुझे बेकार में सब... Hindi · कविता 276 Share Abhishek Rajhans 18 Nov 2018 · 1 min read कहने को तो ज़िंदा हूँ कहने को तो ज़िंदा हूँ बिन पंखों के उड़ता परिंदा हूँ कुछ दिखाई नही देता है मुझे मैं तेरे इश्क़ में आँख वाला अंधा हूँ नींदों का हिसाब हो गया... Hindi · कविता 272 Share Abhishek Rajhans 5 Mar 2019 · 1 min read याद आती है वो आज भी रहती है वो मेरे जेहन में पर उसका जिक्र अब लबो पर मौजूद नहीं रहता देख लेता हूँ आज भी यादों के आईने में पर उसका अक्स अब... Hindi · कविता 258 Share Abhishek Rajhans 5 Mar 2019 · 1 min read वो कोई ख़ास नही कोई तुमसे अगर पूछे की कौन लगता हूँ मैं तेरा तो तुम बस इतना बता देना एक दोस्त है मेरा कच्चा सा अक्ल से जरा बच्चा सा थोड़ा झूठा ,थोड़ा... Hindi · कविता 266 Share Abhishek Rajhans 8 Mar 2018 · 1 min read ये वक़्त है कौन यहाँ किसका अपना है ये वक़्त है जो कभी दिखाता सपना है कभी दिखाता आईना है जो आज राजा बने घूमते है उन्हें क्या पता वक़्त का ऊंट किस... Hindi · कविता 1 255 Share Abhishek Rajhans 27 Dec 2018 · 1 min read आज कह दो ना कितनी अधूरी बातें रह गयी थी कल कहने को आज कह दो ना साँसे कम पड़ रही थी मेरे हिस्से की अपनी साँसे भर दो ना जो भी हुआ,जैसे भी... Hindi · कविता 264 Share Abhishek Rajhans 11 Nov 2018 · 1 min read वो मेरी दोस्त वो दोस्त मेरी मुझे औरो से कुछ अलग सी लगती है मैं उससे कैसे कहूँ वो मुझे मेरे जिस्म में रूह जैसी लगती है उसके जन्मदिन पर दुआएं दूँ या... Hindi · कविता 3 237 Share Abhishek Rajhans 20 Apr 2019 · 1 min read मेरा यार है वो खुदा ने जो भी दिया मुझे उसमे सबसे नायाब है वो मैं तो तप रहा था मरु की तरह वो आसमां से आती बूंदों का बौछार है वो टूट कर... Hindi · कविता 263 Share Abhishek Rajhans 25 Dec 2018 · 1 min read लौट आओ अब क्या सच में वो तुम ही थी बताओ ना क्या तुम लौट आयी थी आज सुबह जब आंखे खोली थी मैंने तो तुम्हारे होने का एहसास हुआ था तुम्हारे ड्रेसिंग... Hindi · कविता 234 Share Abhishek Rajhans 6 Mar 2019 · 1 min read जाने कहाँ से आई थी वो पता नहीं क्यों आई थी वो न जाने कहाँ से आई थी वो मुझे मेरे होने का एहसास कराने मैं क्या हूँ या फिर मैं क्या हो सकता हूँ मुझे... Hindi · कविता 236 Share Abhishek Rajhans 15 Apr 2018 · 1 min read तुम्हारे बाद भी शीर्षक -- तुम्हारे बाद भी तुम्हारे जाने के बाद भी कुछ नहीं बदलेगा यहाँ फिर कोई इंसान के खाल ओढ़े दरिंदा नोच खायेगा किसी बच्ची के जिस्म को अखबार वाले... Hindi · कविता 1 245 Share Page 1 Next