Narendra Verma Language: Hindi 18 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Narendra Verma 26 Mar 2019 · 1 min read होली में मिठास गुझिया की मिला इक बार बोली में। रंग खुशियों का भरेगा हर बार झोली में। लगाना प्यार से तुम रंग ऐसे हर एक चेहरे पे एकता के सूत्र में... Hindi · कविता 1 365 Share Narendra Verma 16 Mar 2019 · 1 min read होलियाँ धरती पहने सतरंगी खेल रही है होलियां भिन्न भिन्न हैँ रूप यहां पर भिन्न भिन्न हैँ बोलियां कोई मुख पर रंग लपेटे बन्दर बना हुआ है कोई गोबर माटी में... Hindi · गीत 321 Share Narendra Verma 16 Mar 2019 · 1 min read बादल बाल कविता (बादल) बादल दादा आओ आओ पानी तुम बरसा कर जाओ रूप तुम्हारा सबसे न्यारा हम सबको लगता है प्यारा रंग बदल कर तुम डरपाओ बादल दादा आओ आओ... Hindi · कविता 440 Share Narendra Verma 16 Mar 2019 · 1 min read होली बाल कविता (होली) रंग बिरंगी आई होली बच्चे करते हंसी ठिठोली पिचकारी ले ले कर भागे इक दूजे के पीछे आगे भूल गए हैं कंचा गोली रंग बिरंगी आई होली... Hindi · कविता 473 Share Narendra Verma 10 Feb 2019 · 1 min read कानून देश का कानून अंधा और बहरा हो गया नेवले और सर्प का संबंध गहरा हो गया कैद हैं खुशियां सभी दौलत की तिजोरी में बेईमानों का वहां पर घोर पहरा... Hindi · मुक्तक 448 Share Narendra Verma 10 Feb 2019 · 7 min read टूटते ख़्वावों का ताना बाना टूटते ख़्वावों का ताना बाना मैं 9 या 10 वर्ष का रहा हूंगा, पिताजी परिवार सहित बिलराम से कासगंज शिफ्ट हुए। मुझसे तीन वर्ष बड़ी बहिन और 6 वर्ष बड़े... Hindi · लेख 297 Share Narendra Verma 10 Feb 2019 · 10 min read माता वैष्णो देवी धाम माता वैष्णो देवी धाम दर्शन जून के महीने में धूल भरी लू चल रही थी। दोपहर के वक्त लोग घरों में ही कैद हो जाया करते हैं। हम भी अपने... Hindi · लेख 407 Share Narendra Verma 22 Jan 2019 · 1 min read श्री गणेश वंदन हे ज्ञानसिन्धु, हे भालचंद्र, हे बुद्धिनाथ मंगलकारी । हे नादप्रतिष्ठित, मृत्युंजय, हे पीतांबर, हे उपकारी।। हे शोकविनाशक, धूम्रवर्ण, हे लंबकर्ण, मूषकवाहन, शत शत वंदन मेरा तुझको तू मातु-पिता... Hindi · कविता 264 Share Narendra Verma 22 Jan 2019 · 7 min read मेरा बचपन फुरसत के पलों में कभी कभी जब अपने जीवन के अतीत की कुछ घटनाओं की याद करता हूँ तो अपने ऊपर हंसी आती है, खुशी भी मिलती है और मन... Hindi · लेख 328 Share Narendra Verma 22 Jan 2019 · 1 min read बाल गीत : रंग बिरंगी आई होली रंग बिरंगी आई होली बच्चे करते हंसी ठिठोली पिचकारी ले ले कर भागे इक दूजे के पीछे आगे भूल गए हैं कंचा गोली रंग बिरंगी आई होली नीले पीले लाल... Hindi · कविता 406 Share Narendra Verma 22 Jan 2019 · 1 min read बाल गीत : बादल दादा आओ आओ बादल दादा आओ आओ पानी तुम बरसा कर जाओ रूप तुम्हारा सबसे न्यारा हम सबको लगता है प्यारा रंग बदल कर तुम डरपाओ बादल दादा आओ आओ सूरज के संग... Hindi · कविता 1 625 Share Narendra Verma 22 Jan 2019 · 12 min read लुम्बिनी : एक शान्ति स्थल कार्ल मार्क्स ने कहा था कि "धर्म अफीम के समान है।" धर्म की परिभाषा व्यक्ति विशेष के विश्लेषण पर निर्भर करती है। परिभाषा चाहे जो हो धर्म का सम्बन्ध कर्म... Hindi · लेख 386 Share Narendra Verma 18 Nov 2018 · 7 min read भारतीय नारियों की प्रेरणास्रोत: सीताजी वर्तमान समय में हमारे देश में पुरुषों व महिलाओं दोनों ने समान रूप से विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति के अनेक स्तंभ स्थापित किए हैं, इस प्रगति के आगे हमें दुनियां... Hindi · लेख 668 Share Narendra Verma 18 Nov 2018 · 12 min read मेरी माउण्ट आबू यात्रा आध्यात्म कहता है कि पहले खुद को जानें, अपने आप को पहचानें। दूसरों को जानने से पहले, दूसरों में कमियां ढूंढने या दूसरे की उपलब्धियों का गुणगान करने से पहले... Hindi · लेख 2 1k Share Narendra Verma 18 Nov 2018 · 8 min read साहित्यिक मेला नोयडा का ट्रू मीडिया मासिक पत्रिका के मई संस्करण के बाद ओम प्रकाश प्रजापति जी जून संस्करण निकालने की तैयारी में जुट गए थे। अक्सर फोन पर बातें साझा करते रहते थे।... Hindi · लेख 401 Share Narendra Verma 18 Nov 2018 · 12 min read कविता जीवन से ही सीखी: गोपलदास नीरज डॉ0 चन्द्रपाल मिश्र 'गगन' कासगंज और एटा जनपद की साहित्यिक नब्ज के अच्छे हकीमों में स्थान रखते हैं, साहित्य की कलाबाजियां मैंने उन्हीं से सीखीं हैं। कासगंज के साहित्यकारों पर... Hindi · लेख 442 Share Narendra Verma 18 Nov 2018 · 1 min read ये जीवन है। रेल बन गया जीवन मेरा इसमें धक्कम पेल ऐसी दो पटरी पर दौड़े जिनका न हो मेल गुब्बारे सा फूला है मन हवा भरे सपनों की फोड़ न दे कोई... Hindi · गीत 1 275 Share Narendra Verma 2 Jan 2018 · 1 min read आदमी एक अनजानी सुरंग सा हो गया है आदमी कोई लूले अंग सा हो गया है आदमी काटता मिलकर गला क्या अजब फितरत हुई एक उड़ती सी पतंग सा हो गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 594 Share