शाम्भवी मिश्रा 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid शाम्भवी मिश्रा 28 Apr 2017 · 2 min read ब्राह्मण कुल दिनकर ब्राह्मण कुल के वे दिनकर थे, नारायण के अवतारी थे। जटा शीश और हाथ खड्ग, शत्रु पर एकल भारी थे। ओज शिव से पाये थे, वह रक्षक बन कर आये... Hindi · कविता 1 545 Share शाम्भवी मिश्रा 17 Apr 2017 · 1 min read घूँघट मर्यादा का घूँघट,मत खोल राधा प्यारी। तेरे नैनो के दीवाने,हैं मोहन कृष्ण मुरारी।। सजती माथे पर बिंदिया, शत् दीप प्रज्वल्लित होते। जब-जब छनके पायलिया, मोहित मयूर सुध खोते।। कल्पना है... Hindi · गीत 1 437 Share शाम्भवी मिश्रा 23 Jan 2017 · 2 min read बेटियाँ कभी मंदिर में उसको पूजा था,घर आई तो ठुकराया हैं। क्यों समाज के डर से उसको बलिवेदी पे चढ़ाया है। वरदान ईश का अंश तेरी ऋंगार है तेरे मधुवन की।... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share