Dr.Archannaa Mishraa Tag: कविता 22 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr.Archannaa Mishraa 31 May 2024 · 1 min read चिंगारी चिंगारी भूख बेवजह नहीं भटकाती मंदिर ,काबा,मस्जिद हर जगह हैं तलाशती । रात के सुर्ख़ अंधेरों में ये भूख कई गुना बढ़ जाती, क्या क्या गुनाह हो जाते हैं चार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 162 Share Dr.Archannaa Mishraa 31 May 2024 · 1 min read समाज समाज पानी सा तैरता जीवन धपाक छपाक फिर निशब्दता निशब्दता से उपजता कोलाहल कोलाहल में सन्नाटा सन्नाटों से उपजता शोर शोर से हो जाता भयावह माहौल माहौल को और गंभीर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 124 Share Dr.Archannaa Mishraa 31 May 2024 · 1 min read कचोट कचोट अधूरापन भीतर तक कचोट रहा हैं सिर्फ़ मैं ही मैं हूँ, तुम ना जाने कब छूट गए , एक ऐसा ज़ख़्म दे गए जिसकी कोई थाह ही नहीं हैं,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 143 Share Dr.Archannaa Mishraa 31 May 2024 · 1 min read सावन सावन उफ़ ये बारिश, रोता आसमाँ, सिसकती धरती, बिजली कड़की, बीवी भड़की, संगदिल बेरहम, वो मजनू हुआ, कहाँ है उसका टीला वो कहाँ ही गया, मौसम बेरहम घर में ना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 116 Share Dr.Archannaa Mishraa 31 May 2024 · 1 min read नज्म नज्म कतरा कतरा के वो कतरा गए कतरा कतरा के वो कतरा गए हुई क्या ख़ता ये बता गये, मोहब्बत में कहीं कुछ कमी रह गई मोहब्बत में कही कुछ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 131 Share Dr.Archannaa Mishraa 31 May 2024 · 1 min read हर दिन सावन हर दिन सावन जब कभी थक जाती हूँ , हर तरफ़ से लाचार हो जाती हूँ जब सब शून्य लगने लगे सारी संवेदनाएँ ख़त्म होने लगे , तब तुम्हारी और... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 121 Share Dr.Archannaa Mishraa 31 May 2024 · 1 min read हिंदी हिंदी हिंदी सुन के मन बहुत प्रफुल्लित होता । हिंदी दिल हैं हिंदुस्तान का, संस्कृत, पाली , प्राकृत, अपभ्रंश के बाद हैं हिंदी आइ । इसको ऐसे ना गवाओं भाई... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 126 Share Dr.Archannaa Mishraa 31 May 2024 · 1 min read व्यथा व्यथा इल्ज़ामों की बोरी थका मन, बोझिल आँखें एक प्रेम भरा शब्द सुनने को तरसते कान, समय की तपिश से झुलसी आत्मा कटु वचन,अधूरा सत्य क्या यही नियति है हमारी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 191 Share Dr.Archannaa Mishraa 31 May 2024 · 1 min read दरख़्त दरख़्त दिल आज भी उसी ताबीर में बैठा है जुस्तजू ए इश्क़ में अभी फ़ना होना है वो मुँडेरों के काग भी कहीं खो गए वो धूमिल सी शामें भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 126 Share Dr.Archannaa Mishraa 29 May 2024 · 1 min read मर्यादा की लड़ाई मर्यादा की लड़ाई आज का रावण कौन है, जानते समझते हुए भी सब मौन है जल रहे सब अपनी ही मृग मरीचिकाओं में इच्छाओं का स्वामी अब कौन है काम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 253 Share Dr.Archannaa Mishraa 29 May 2024 · 1 min read भभक भभक प्रेम,अनुरक्ति ,विरक्ति साधो, एक प्रस्फुटन,हृदय के क्षणिक उद्वेग, सहसा बूँद सी मानिद उज्ज्वल , शुभ्रता गुणधारक, कपोल रक्तिम लाल लाल दाड़िमन। धवल सी आभा एक प्रकाश बिजली कौंधन, लालित्य... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 174 Share Dr.Archannaa Mishraa 29 May 2024 · 1 min read हमसाया हमसाया अब तन्हाई ही रास आती है ये उदासी भला कहाँ जाती है एक दौर था अपना भी, अब कहाँ कौन देखी जाती है ख़ालीपन स्याह सा ढुलका है हर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 137 Share Dr.Archannaa Mishraa 29 May 2024 · 1 min read अपना अपना सच अपना अपना सच दूर अंधेरा फैला योजन तक रोतें हुए बच्चें का स्वर, चीखने की आवाज़ें चीरते हुए सन्नाटे आ जाता है एक भयानक हसीं का स्वर, अन्धकार इतना गहरा,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 121 Share Dr.Archannaa Mishraa 23 May 2024 · 1 min read प्रेम प्रेम कमल नयन कहते है तेरे ऐसे मोहे पनघट पर ना छेड़ें। विभूषित सुभाषित हर एक कण हुआ है, आज हृदय में एक प्रतिबिंब बना है । टीस मची एक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 177 Share Dr.Archannaa Mishraa 23 May 2024 · 1 min read माहौल माहौल शब्द शब्द धरा धरा ये है मेरी वसुंधरा आक्रांत विप्लव गान चला बह गई सारी सुधा निशी से निशाचर गए है उड़ उफ़ ये कैसा ताल बजा सुधीजन, गणमान्य... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 163 Share Dr.Archannaa Mishraa 23 May 2024 · 1 min read हिलमिल हिलमिल मेरा रंग चाय में दूध कम मेरी आँखें गोधूली में सब घर को भागे मेरी नाक अरावली का पहाड़ मेरी मुस्कान शांत समुंदर में आया तूफ़ान मेरा मैं तेरा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 113 Share Dr.Archannaa Mishraa 23 May 2024 · 1 min read पुरानी यादें मुकम्मल एक चिराग़ था मय्यसर रोशनी के लिए, यहाँ तो एक चिराग़ नें श्मशान बना डाला। कहाँ ढूँढती फिरूँ वो लौ जो मुझमें थोड़ी सी रोशनी भर दें, यहाँ तो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 120 Share Dr.Archannaa Mishraa 23 May 2024 · 1 min read निश्छल प्रेम की डगर निच्छल प्रेम की डगर निश्छल प्रेम की डगर अति सीधी जहाँ तनिक भी व्यापार नहीं। राह में आये काँटे, चाहे आये पत्थर घनघोर सभी। प्रेम के भाव को ना बदल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 117 Share Dr.Archannaa Mishraa 23 May 2024 · 1 min read लड़कपन लड़कपन उन दिनों की खुमारी ही अलग होती थी दो चोटियाँ, साइड से माँग निकाले खूब ख़ुशबू वाला पाउडर लगा के किसी से अपने को कम ना समझना काजल की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 180 Share Dr.Archannaa Mishraa 23 May 2024 · 1 min read लड़कपन लड़कपन उन दिनों की खुमारी ही अलग होती थी दो चोटियाँ, साइड से माँग निकाले खूब ख़ुशबू वाला पाउडर लगा के किसी से अपने को कम ना समझना काजल की... Hindi · कविता 1 136 Share Dr.Archannaa Mishraa 23 May 2024 · 1 min read गुजरा जमाना गुजरा जमाना उन दिनों का प्यार बड़ा सादा था दूर दूर से देखने में जाने कितने महीने गुजर जाते थे, फिर कहीं जाके चिट्ठी का व्यापार शुरू होता था, वही... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 207 Share Dr.Archannaa Mishraa 23 May 2024 · 2 min read माँ माँ माँ ही नारायणी माँ ही लक्ष्मी माँ ही करमवीर हैं। माँ के आगे चलती ना किसी की एक हैं । मुसीबत , विपदा कोई आ जाएँ माँ बन के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 140 Share