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17 Sep 2018 · 1 min read

होगा मटियामेट

जिसदिन बिस्तर रूह ने, अपना लिया समेट !
उस दिन बँगला देह का, ….होगा मटियामेट !!

विद्या का खिलता नहीं, बिन गुरु कभी न फूल !
वृक्ष बढेगा किस तरह, …….सींचे बिन ही मूल !!
रमेश शर्मा

Language: Hindi
2 Likes · 394 Views
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