मुक्तक
तुम पूछो और मैं न बताऊँ ऐसे तो हालात नहीं,
एक ज़रा सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं,
किस को ख़बर थी साँवले बादल बिन बरसे उड़ जाते हैं ,
सावन आया लेकिन अपनी क़िस्मत में बरसात नहीं ।
तुम पूछो और मैं न बताऊँ ऐसे तो हालात नहीं,
एक ज़रा सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं,
किस को ख़बर थी साँवले बादल बिन बरसे उड़ जाते हैं ,
सावन आया लेकिन अपनी क़िस्मत में बरसात नहीं ।