मुक्तक
तू बता दिल में उम्मीद कहाँ तक रखें,
कब तक हवाओं पे घरौंदे बना रखें,
दिल की वादी से ख़िज़ाओं का अजब रिश्ता है,
फूल ताज़ा तेरी यादों के कहाँ तक रखें।
तू बता दिल में उम्मीद कहाँ तक रखें,
कब तक हवाओं पे घरौंदे बना रखें,
दिल की वादी से ख़िज़ाओं का अजब रिश्ता है,
फूल ताज़ा तेरी यादों के कहाँ तक रखें।