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19 Aug 2018 · 1 min read

मुक्तक

तू बता दिल में उम्मीद कहाँ तक रखें,
कब तक हवाओं पे घरौंदे बना रखें,
दिल की वादी से ख़िज़ाओं का अजब रिश्ता है,
फूल ताज़ा तेरी यादों के कहाँ तक रखें।

Language: Hindi
336 Views

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