मुक्तक
नज़दीकी अक्सर दूरी का कारन भी बन जाती हैं,
सोच समझ कर घुलना मिलना अपने रिश्तेदारों में,
चाँद अगर पूरा चमके, तो उसके दाग खटकते हैं,
एक न एक बुराई तय है सारे इज़्ज़तदारों में।
नज़दीकी अक्सर दूरी का कारन भी बन जाती हैं,
सोच समझ कर घुलना मिलना अपने रिश्तेदारों में,
चाँद अगर पूरा चमके, तो उसके दाग खटकते हैं,
एक न एक बुराई तय है सारे इज़्ज़तदारों में।