मुक्तक
पैसों से तोलने लगे हैं जो वो वीरों की शहादत को,
इस कृत्य से बदनाम करते हैं माँ भारती की इबादत को ,
कब तक हम लाशो पर राजनितिक रोटियां सेकेंगे ,
आखिर कब तक हम बेवाओं की सूनी मांग देखेंगे ।
पैसों से तोलने लगे हैं जो वो वीरों की शहादत को,
इस कृत्य से बदनाम करते हैं माँ भारती की इबादत को ,
कब तक हम लाशो पर राजनितिक रोटियां सेकेंगे ,
आखिर कब तक हम बेवाओं की सूनी मांग देखेंगे ।