Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
10 Jun 2018 · 1 min read

चली जो कलम.......

चली जो कलम तो अफसाना लिख गया,
ये तो मेरे प्यार का फ़साना लिख गया।
कितनी शिद्दत है मेरे प्यार में,
प्यार बिकता नही किसी बाजार में।
हो ही जाता हैं इन आँखों ही आँखों में,
जकड़ता दिल किसी की यादों की सलाखों में।
मेरे दर्द का चेहरा तेरा दवाखाना बन गया,
चली जो कलम तो……….
रूह से रूह का मिलान होता हैं ये,
प्यार का गहरा असर होता हैं ये।
प्रेम पूजा हैं मेरे दिल की आस्था,
किस नजर से देखे दुनिया ये मुझे भी न पता।
पाया तुझको तो अंदाज मेरा शायराना बन गया,
चली जो कलम तो…………….

Loading...