Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2018 · 1 min read

[[[ प्रेरणा गीत ]]]

प्रेरणा गीत:
आदमी हो आदमी बनकर
¤दिनेश एल० “जैहिंद”

आदमी हो आदमी बनकर तो देखो
हर संकटों में खड़ा तनकर तो देखो

स्वर्ग यही धरा नर्क भी यही धरती ।
स्वर्ग – नर्क की कल्पना तुम्हें ठगती ।।
नर्क के पिशाच को तुम दूर भगाओ ।
आदमी हो तुम तो इसे स्वर्ग बनाओ ।।
सत-मार्ग पर जरा चलकर तो देखो,,,,,,
आदमी हो आदमी बनकर तो देखो ।

भूखे की जैसे ही तुम भूख मिटाओगे ।
भगवान को तब तुम धरा पे पाओगे ।।
नंगे बदन पर पर्दा जब तुम डालोगे ।
धरती को तुम स्वर्ग रूप धरा पाओगे ।।
प्यासे की प्यास तुम हरकर तो देखो,,,,,,,
आदमी हो आदमी बनकर तो देखो ।।

गिरे को अब तुम हथेली पर उठाओ ।
रोते को तुम अपनी छाती से लगाओ ।।
हृदय में तुम सद्भावनाएं पनपने दो ।
जियो और हरेक को धरा पे जीने दो ।।
निर्बल संग तुम खड़ा होकर तो देखो,,,,,,
आदमी हो आदमी बनकर तो देखो ।

===≈≈≈≈≈≈====
दिनेश एल० “जैहिंद”
17. 02. 2018

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 436 Views

You may also like these posts

मज़िल का मिलना तय है
मज़िल का मिलना तय है
Atul "Krishn"
*Childhood Return*
*Childhood Return*
Veneeta Narula
दोहे - डी के निवातिया
दोहे - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
आँखों देखा हाल 'कौशल' लिख रहा था रोड पर
आँखों देखा हाल 'कौशल' लिख रहा था रोड पर
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
कसक
कसक
ओनिका सेतिया 'अनु '
क्षणिकाए - व्यंग्य
क्षणिकाए - व्यंग्य
Sandeep Pande
दर्द भी तू है,हमदर्द भी तू है।
दर्द भी तू है,हमदर्द भी तू है।
Rj Anand Prajapati
चाहत
चाहत
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
भ्रम और तसल्ली
भ्रम और तसल्ली
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
4035.💐 *पूर्णिका* 💐
4035.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ज़िंदगी जी भर जी कर देख लिया मैंने,
ज़िंदगी जी भर जी कर देख लिया मैंने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मोहब्बते
मोहब्बते
डिजेन्द्र कुर्रे
हमको मोहब्बत लगने लगी
हमको मोहब्बत लगने लगी
Jyoti Roshni
कौन पैदा हुआ कौन मरा, बुद्ध संकल्पना
कौन पैदा हुआ कौन मरा, बुद्ध संकल्पना
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
काश देख लेता तुम्हें और दो पल के लिए कल अपने सपने में
काश देख लेता तुम्हें और दो पल के लिए कल अपने सपने में
Ritesh Deo
ग़ज़ल : कई क़िस्से अधूरे रह गए अपनी कहानी में
ग़ज़ल : कई क़िस्से अधूरे रह गए अपनी कहानी में
Nakul Kumar
कुंंडलिया-छंद:
कुंंडलिया-छंद:
जगदीश शर्मा सहज
हम भी अपनी नज़र में
हम भी अपनी नज़र में
Dr fauzia Naseem shad
" जब तक आप लोग पढोगे नहीं, तो जानोगे कैसे,
शेखर सिंह
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
MEENU SHARMA
उत्तेजना🤨 और क्रोध😡 में कहा गया शब्द और किया गया कर्म स्थिति
उत्तेजना🤨 और क्रोध😡 में कहा गया शब्द और किया गया कर्म स्थिति
ललकार भारद्वाज
ना चाहते हुए भी
ना चाहते हुए भी
हिमांशु Kulshrestha
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
🙅आज का ज्ञान🙅
🙅आज का ज्ञान🙅
*प्रणय*
गाँधी के उपदेश को, कब समझेंगे लोग ।
गाँधी के उपदेश को, कब समझेंगे लोग ।
sushil sarna
दर्द जब इतने दिये हैं तो दवा भी देना
दर्द जब इतने दिये हैं तो दवा भी देना
सुशील भारती
*रे इन्सा क्यों करता तकरार*
*रे इन्सा क्यों करता तकरार*
Dushyant Kumar
बेमेल रिश्ता
बेमेल रिश्ता
Dr. Kishan tandon kranti
**कब से बंद पड़ी है गली दुकान की**
**कब से बंद पड़ी है गली दुकान की**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मन की खुशी
मन की खुशी
कार्तिक नितिन शर्मा
Loading...