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30 Apr 2018 · 1 min read

जो छुओ प्यार से बिखर जायें

डूब कर इश्क में निखर जाएँ
बनके खुश्बू चलो बिखर जाएँ

लौट सकते हैं गुम हुये इंसान
जो बदल जायें तो किधर जाएँ

सूख गये अश्क़ रो रोकर मेरे
अब जियादा कहो तो मर जाएँ

गौर करता नहीं सनम मेरा
और हम हैं उसी डगर जाएँ

सख़्त तो हैं मगर हैं मोम जैसे
जो छुओ प्यार से बिखर जाएँ
अनुराग हृदयनगरी

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