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15 Apr 2018 · 1 min read

पिता

पिता हमारे आकाश हैं,वो हमारे प्रकाश हैंपिता ऐसे होते हैँ।जीवन देते हैं ओर वो मुझे पोषते हैँ पिता ऐसे होते हैं।खुद दुःखों को झेलते हैं हमें सुखों में पिरोते हैं पिता ऐसे होते हैं।उनकी छाया में हम विकसित होते हैं, वो हमें प्यार से सींचते हैं पिता ऐसे होते हैं।उनके संस्कारों को हम सीखते हैं ,वो ऐसी माला पिरोते हैं पिता ऐसे होते हैं।यही सच है पिता हमारे आकाश हैं ,हम उनके सितारे हैं पिता ऐसे होते हैं।

एकता चित्रांगिनी

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