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13 Apr 2018 · 1 min read

मत्तगयन्द सवैया: देव नहीं परब्रह्म कहें ....

देव नहीं परब्रह्म कहें शिवनाम अमोघ सदा हितकारी.
नाम जपे नित मंदिर जाय जहाँ जगदीश बने त्रिपुरारी.
ग्यारहवें प्रिय रुद्र बली अति नष्ट करें सब संकट भारी.
ज्ञान विज्ञान बना इनसे शिव मानस जाप सदा सुखकारी..

इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’

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