Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2018 · 2 min read

≈ दूसरा सपना ≈

** दूसरा सपना **
@दिनेश एल० “ जैहिंद”

सोलह वर्षीया मधु के दिमाग़ में यह बात बार-बार कौंध जाती थी कि वह जो बनना चाहती थी, नहीं बन पायी । तब वह कुछ मायूस-सी हो जाती थी, दिल को समझाती थी और
तकदीर का फेरा मानकर दिल में सुकून पैदा करती थी ।
आज वह सुबह से ही कुछ व्यग्र व विचलित थी – “काश, मेरा विवाह मेरे मम्मी-पापा नहीं किए होते तो इसी उम्र में मुझे घर-गृहस्थी व बच्चों की जिम्मेदारी नहीं सँभालनी होती । काश, मेरा इंटरमेडिएट का रिजल्ट खराब नहीं हुआ होता तो मम्मी-पापा अपना विचार नहीं बदलते ।” ऐसी ही बेतुकी बातों में मधु डूबी हुई थी कि तभी…….
“ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग….. !” मोबाइल की रिंगिंग टोन बजते ही मधु की तन्मयता व चिंतनशीलता टूटी ।
“हल्लो….. हल्लो….. !” की मधुर ध्वनि के साथ मधु ने मोबाइल उठाने के बाद सवाल किया – “ कौन ?”
“मधु, मैं सीमा बोल रही, तेरी सहेली ।”
“अरे, वाह ! कैसे याद किया ? कैसी है तू ? क्या कर रही है तू ?” एक साथ कई सवाल दाग दिए मधु ने ।
“बस, यूँ ही याद आ गई ।” उधर से सीमा ने जवाब दिया – “ठीक हूँ मैं, एमबीबीएस का तीसरा वर्ष चल रहा है । जम कर पढ़ाई हो रही है । और अपना बोल, तू कैसी है ?”
“अपना क्या बोलूँ, सब ठीक है ।”
“…. और तेरे वो ?”
“…. ठीक हैं ।”
“और तेरे बच्चे ?”
“वो भी ठीक हैं ।” मधु ने झट जवाब में कहा और सीमा से तत्काल पूछा – “तेरा तो अब डॉक्टर बनना निश्चित है । मगर अपनी वो एक सहेली थी, नेहा । वो क्या कर रही है ?”
“अरे हाँ, मैं तो बताना ही भूल गई, वो तो इंडियन एयर लाइनस् में एयर होस्ट के जॉब पर लग गई, छह माह हो गए ।”
“चलो, अच्छा हुआ । तू डॉक्टर बन जाएगी, वो एयर होस्ट हो गई और मैं….. मेरा तो एयर फोर्स ज्वॉयन करने का सपना…. सपना ही रह गया ।”
“अरे यार, छोड़ ! दिल पे नहीं लेने का ।” उधर से जवाब आया – “घर-परिवार में जो मज़ा है, वो किसी जॉब में कहाँ है । समझ लेना कि वो कोई सपना था ।”
“हाँ ! ठीक कहती है तू , वो तो सपना ही था ।” मधु इतना कहकर जोर से हँस पड़ी और हँसती ही रही !!

==============
दिनेश एल० “जैहिंद”
12. 03. 2018

Language: Hindi
314 Views

You may also like these posts

दुनिया
दुनिया
ओनिका सेतिया 'अनु '
वक़्त
वक़्त
Dinesh Kumar Gangwar
समाचार झूठे दिखाए गए हैं।
समाचार झूठे दिखाए गए हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
आज मंगलवार, 05 दिसम्बर 2023  मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी
आज मंगलवार, 05 दिसम्बर 2023 मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी
Shashi kala vyas
शामें किसी को मांगती है
शामें किसी को मांगती है
Surinder blackpen
तुम आशिक़ हो,, जाओ जाकर अपना इश्क़ संभालो ..
तुम आशिक़ हो,, जाओ जाकर अपना इश्क़ संभालो ..
पूर्वार्थ
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
“समर्पित फेसबूक मित्रों को”
“समर्पित फेसबूक मित्रों को”
DrLakshman Jha Parimal
सच्ची मोहब्बत भी यूं मुस्कुरा उठी,
सच्ची मोहब्बत भी यूं मुस्कुरा उठी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिनके घर खुद घास फूंस के बने हो वो दूसरे के घर में माचिस नही
जिनके घर खुद घास फूंस के बने हो वो दूसरे के घर में माचिस नही
Rj Anand Prajapati
हो न हो हम में कहीं अमरत्व तो है।
हो न हो हम में कहीं अमरत्व तो है।
Kumar Kalhans
मायका
मायका
Mansi Kadam
*अगर तुम फरवरी में जो चले आते तो अच्छा था (मुक्तक)*
*अगर तुम फरवरी में जो चले आते तो अच्छा था (मुक्तक)*
Ravi Prakash
आसमाँ  इतना भी दूर नहीं -
आसमाँ इतना भी दूर नहीं -
Atul "Krishn"
चाय
चाय
Rambali Mishra
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
" असर "
Dr. Kishan tandon kranti
कौन किसकी कहानी सुनाता है
कौन किसकी कहानी सुनाता है
Manoj Mahato
हर घर तिरंगा
हर घर तिरंगा
Dr Archana Gupta
4457.*पूर्णिका*
4457.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
होती है
होती है
©️ दामिनी नारायण सिंह
कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे?
कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
👍
👍
*प्रणय*
यह 🤦😥😭दुःखी संसार🌐🌏🌎🗺️
यह 🤦😥😭दुःखी संसार🌐🌏🌎🗺️
डॉ० रोहित कौशिक
गुरु के पद पंकज की पनही
गुरु के पद पंकज की पनही
Sushil Pandey
तो मैं राम ना होती....?
तो मैं राम ना होती....?
Mamta Singh Devaa
मंजिल पहुंचाना जिन पथों का काम था
मंजिल पहुंचाना जिन पथों का काम था
Acharya Shilak Ram
तुम - दीपक नीलपदम्
तुम - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
शौचालय
शौचालय
लक्ष्मी सिंह
बाण मां सूं अरदास
बाण मां सूं अरदास
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
Loading...