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23 Dec 2017 · 1 min read

माँ

माँ तेरी छवि तेरा स्वरूप।
मैं ही हूँ तेरा अतिलघु रूप।
मेरी हर अदा तुझसी तो है।
चाहूं तुझे छाँव हो या धूप।

सुधा भारद्वाज
विकासनगर उत्तराखण्ड

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