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10 Nov 2017 · 1 min read

"शायरी"

“मां”
“प्रणाम”
जाने तू कब आती हैं…?
जाने तू कब चली जाती हैं…?

तेरे आने की आहट में,
मेरी आँखें भी खुली रह जाती हैं..

तू इतनी जल्दी से क्यों चली गई
“मां”
तेरे जाने के बाद मेरी दुनिया तो उजड़ गई।। ” मां”

लाख कोशिश करू तुझे भूल जाऊं मैं…??
फिर कोई काम हो तो बाहर के दरवाजे से आवाज लगाऊ मैं…??

“मां”तेरी मुन्नी ने अभी तो बोलना सीखा था।।।
अभी-अभी तो फैला पंख बाहर की दुनिया में उडना सीखा था।।

फिर क्यों गये इतनी जल्दी छोड़ अकेला मुझे..??
तेरे बिना तो दुनिया भी अच्छी नहीं लगती मुझे..??

“मां”

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