दादा की मूँछ
Dr Nisha nandini Bhartiya
यहाँ कुशलता रेंगती, वहाँ बताएँ मित्र (कुंडलिया)
शादी होते पापड़ ई बेलल जाला
जो श्रम में अव्वल निकलेगा
तारिक़ फ़तह सदा रहे, सच के लंबरदार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
लड्डु शादी का खायके, अनिल कैसे खुशी बनाये।
#लाल किताब का चमत्कार
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
मरना बड़ी बात नही जीना बड़ी बात है....
*यदि मक्खी आकर हमें डराती (बाल कविता)*
*चिपकाते पोस्टर दिखे, दल-प्रत्याशी-लोग (कुंडलिया)*
कभी सुलगता है, कभी उलझता है
108. पति का हाल सीता जैसा
सुख दुख जीवन में आते जाते हैं लेकिन ईश्वर नाम सुमिरन करने से
दाता देना बस हमें , निर्मल मन अभिराम (कुंडलिया)