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20 Sep 2017 · 1 min read

अनमोल हैं बेटियाँ

चहकती हैं , महकती हैं,  बनके मुनिया।
तेरी खूबसूरती से ,खूबसूरत है दुनिया।
रंगीन कर दे समां को , ये फुलझड़ियां।
अनमोल है बेटियां x 2 …..

चाहे ये समाज , लगा दें जितनी बेड़ियां।
पर आगे बढ़ निकलेंगी,  हमारी बेटियां ।
तू अभिमान है ,  मेरे देश की सम्मान है।
तेरी हंसी से झरती हैं मोती की लड़ियां।
अनमोल है बेटियां …..

बेटी में समझ है , है दया-प्रेम-विश्वास।
बेटी के अपमान से ,है जग का विनाश।
सबको एकता सूत्र में,बाँधकर रखती ये
इनसे जुड़ती हैं  , हर रिश्तों की कड़ियां।
अनमोल है बेटियां……

माता-पिता के खुशी का,तुझे अहसास ।
और हर  कष्टों में ,माता-पिता के साथ ।
धूप लगे तो, बनती छाया जिनके लिये ।
आखिर क्यों ?हो जाती विदाई,बेटियां ।
अनमोल है बेटियां….
(रचयिता :-मनी भाई भौंरादादर बसना )

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