Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
17 Sep 2016 · 1 min read

गीत- देख हमारा हाल नहीँ यूँ

गीत- देख हमारा हाल नहीँ यूँ
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
देख हमारा हाल नहीँ यूँ
गरज गरज के बात करो
दुखिया के कुछ दुख भी सुन लो
बादल ना उत्पात करो

किस नगरी से आये हो तुम
आँखोँ मेँ भी छाये हो तुम
आये हो तुम नीर बहाने
या दुखिया की पीर बढ़ाने
पानी ही पानी लाये हो
ऐसे ना आघात करो-
दुखिया के कुछ दुख भी सुन लो
बादल ना उत्पात करो

साजन मेरे दूर गये हैँ
हो कर के मजबूर गये हैँ
तुम आये हो विरह जगाने
इक विधवा को और सताने
साजन से जाकर मिल जाऊँ
या ऐसे हालात करो-
दुखिया के कुछ दुख भी सुन लो
बादल ना उत्पात करो

सपने थे झूठे झूठे से
अपने भी रूठे रूठे से
जबसे माँग हुई है खाली
लोगोँ की बजती है ताली
बहुत उजाले से डरती हूँ
अब अंधेरी रात करो-
दुखिया के कुछ दुख भी सुन लो
बादल ना उत्पात करो

– आकाश महेशपुरी

Loading...