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12 Sep 2016 · 1 min read

प्यार करने में क्या बुराई है

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जब कभी याद.. तेरी आई है
इक कली दिल की मुस्कुराई है

तेरे माथे को चूम ..सकता हूँ
तेरे दिल…तक मेरी रसाई है

हां मैं तुमसे ही प्यार करता हूँ
प्यार करने में क्या ..बुराई है

आजका दिन बहुत ही उजला है
आपने शब कहाँ ….बिताई है

शाख से फूल उसने ..तोडा है
मोच हाथों में उसके ..आई है

तेरी चौखट पे आज सालिब ने
देख अपनी जबीं …झुकाई है

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