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21 May 2017 · 1 min read

मुक्तक:"नूर-ए-दीदार"

पिय को अपने प्रेम की चाहत है,
मेरे यार को मेरे इन्तजार की चाहत है ।

साअत (घड़ी) आ चुकी है,
प्रेम मिलन की,
मुझे मेरे “नूर-ए-दीदार” की
चाहत है…।।
– आनन्द कुमार

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