Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2022 · 1 min read

नींद खो दी

ख़्वाब कोई हमें नहीं आया ।
नींद खो दी तेरे ख़्यालों में ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
11 Likes · 203 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

गीत गज़ल की बातें
गीत गज़ल की बातें
Girija Arora
3582.💐 *पूर्णिका* 💐
3582.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अपने जीवन के लिए सही राह न चुनी ,
अपने जीवन के लिए सही राह न चुनी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
पछतावा
पछतावा
Dipak Kumar "Girja"
तुम भी मेरी तरहां सोचना
तुम भी मेरी तरहां सोचना
gurudeenverma198
सतनाम रावटी दलहा पहाड़
सतनाम रावटी दलहा पहाड़
Jugesh Banjare
जब तक प्रश्न को तुम ठीक से समझ नहीं पाओगे तब तक तुम्हारी बुद
जब तक प्रश्न को तुम ठीक से समझ नहीं पाओगे तब तक तुम्हारी बुद
Rj Anand Prajapati
दिखता था
दिखता था
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
*ये आती और जाती सांसें*
*ये आती और जाती सांसें*
sudhir kumar
ईश्वरीय विधान
ईश्वरीय विधान
Sudhir srivastava
कुंडलिया
कुंडलिया
अवध किशोर 'अवधू'
जो घनश्याम तुम होते.....
जो घनश्याम तुम होते.....
पं अंजू पांडेय अश्रु
"Don’t ignore the effort of someone who tries to keep in tou
पूर्वार्थ
रिश्तों में शक
रिश्तों में शक
Sakshi Singh
बावला
बावला
Ajay Mishra
”बंदगी”
”बंदगी”
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
5. *संवेदनाएं*
5. *संवेदनाएं*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
जब जब हमको याद करोगे..!
जब जब हमको याद करोगे..!
पंकज परिंदा
मोतियाबिंद
मोतियाबिंद
Surinder blackpen
सारे शब्द
सारे शब्द
Shweta Soni
घडी के काटोंपर आज ,
घडी के काटोंपर आज ,
Manisha Wandhare
👍एक ही उपाय👍
👍एक ही उपाय👍
*प्रणय प्रभात*
कभी निशाना  चूकता  नहीं।
कभी निशाना चूकता नहीं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
समझौता
समझौता
Shyam Sundar Subramanian
ग़ज़ल (यूँ ज़िन्दगी में आपके आने का शुक्रिया)
ग़ज़ल (यूँ ज़िन्दगी में आपके आने का शुक्रिया)
डॉक्टर रागिनी
कुंडलियां
कुंडलियां
seema sharma
फिर से आयेंगे
फिर से आयेंगे
प्रेमदास वसु सुरेखा
कठिन था बहुत कठिन था रुक कर किसी दर पे फ़िर से चलना बहुत कठि
कठिन था बहुत कठिन था रुक कर किसी दर पे फ़िर से चलना बहुत कठि
Madhu Gupta "अपराजिता"
मंज़िले यूंही नहीं मिलती हैं
मंज़िले यूंही नहीं मिलती हैं
Raghuveer dhandhal
" जमीर "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...