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11 Mar 2017 · 1 min read

मुझे रंग दे तू .....................डाल के |गीत | “मनोज कुमार”

मुझे रंग दे तू रंग दे ओ लाल
क हर्बल गुलाल डाल के……………………………..२
तुझे रंग दूँ में रंग दूँ ओ लाल
क हर्बल गुलाल डाल के……………………………..२

आओ नफरत को दूर करें
गले यारों के दिल से मिले
क गिले शिकवे सब भूल के
खुशिओं के रंग घोल घोल के
ओ मीठी बोली बोल बोल के

मुझे रंग दे …………डाल के………….२

मुँह भी गुलाबी हो गईं आँखें गुलाबी
हम भी शराबी हो गये वो भी शराबी
मौसम रंगीन हुआ अम्बर सतरंगी
रंगों में रंग घोल घोल के
सपनों के रंग छोड़ छोड़ के

मुझे रंग दे …………डाल के………….२

अंगिया भिगो दी तूने भीगी चुनरिया
कलियाँ मरोड़ी मोरी चमकी कमरिया
मैं नाचूँ मन नाचे नाचे संवरिया
ओ प्रेम के रंग घोल घोल के
रिश्तों के तार जोड़ जोड़ के

मुझे रंग दे …………डाल के………….२

“सभी मित्रों को होली की हार्दिक शुभकामनायें”

“मनोज कुमार”

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