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17 Feb 2017 · 1 min read

यह उस औरत की लाश है..

यह उस औरत की लाश है
यह उस औरत की लाश है…!

जिसने सबको जन्म दिया
गहरी पीड़ा में बहकर,
मंद हुई ना ममता जिसकी
अगिनत तकलीफ़े सहकर!
रक्षाबंधन पर बांधा
जिसने उम्मीद के धागे,
वही अभागन अबला पड़ गई
शैतान-दरिंदों के आगे!
झोंक दिया तेरे आगे ख़ुदको
छोड़ शर्म के गहने,
फिर क्यों लाखों बार चढ़े
सूली पर उसके सपने!
दौलत की ख़ातिर करता
तू जिसका उपहास है,
यह उस औरत की लाश है
यह उस औरत की लाश है…!!

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