Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
16 Jan 2017 · 1 min read

एक दोस्त जिसका बचपन से साथ है

दो दोस्तो की कहानी ये कैसी,
प्रेम भाव से गढ़त ये ऐसी।
प्रेम भाव से दोस्त बनाया,
प्यार प्रीत से इसे बहलाया॥

लक्की की यारी,
……….की सारी।
दोनो की यारी,
प्यारी दोस्ती हमारी॥

दोस्ती की यारी,
दोस्तो की सारी।
छोटी सी प्यारी,
दोस्ती हमारी॥

कभी नही भूल पाऐगे जिंदगी मे कभी भी,
हर पल याद आते हो तुम मुझे अभी भी।
……….., मेरे दोस्तो के दोस्त,
याद बात एक रखना।
जरूरत हो जब कभी तुम्हे मेरी,
मिलने की तडफडाहठ रखना।
आ जाऐगा यार तेरा,
बस! लब्ज से पुकारने की आहट करना॥

लक्की कि कलम से निकली आरजू

आपका अपना
लक्की सिंह चौहान
ठि.:- बनेड़ा(राजपुर), भीलवाड़ा, राजस्थान

Loading...