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8 Jan 2017 · 1 min read

दिन बदलते......

दिन बदलते देर लगती कब बता?
भेड़ बनकर घूमता है भेड़िया।1

लूटकर सब ले गया हर बार ही
माँगता है जो बचा फिर से मुआ।2

मुंतजिर हम रह गये होती नजर
कह रहा बस चाहिए अपनी दुआ।3

दूध पीकर अर्चना का बेधड़क
हो गया अजगर बड़ा घर-घर छुआ।4

हर दफा इकरार करता बेशरम
खाल फेंकी,अब जहर जाता रहा।5
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