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21 Nov 2016 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक –

कौन यह कहता है कि ख्वाब तो झूठे होते हैं ।
इनसे ही तो पथ, जीवन के अनूठे होते हैं ।
साकार हो जाती हैं अनेक आशाएँ हमारी,
मुस्कुराते हैं वे भाग्य भी जो रूठे होते हैं ।

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