Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
10 Nov 2016 · 1 min read

दिल मेरा टूटा उसी पर घात हो गई

कोई पूछे हमसे के क्या बात हो गई
दिल मेरा टूटा उसी पर घात हो गई

घाटी में हो गई मौत बेगुनाहों की सभी
अय खुदा ये कैसी वहाँ कयानात हो गई

गेंशूँओं में तेरे ही उलझे इस कदर
हमें न होश रहा दिन हुआ के रात हो गई

गुलजार हो गई महफ़िल आपके आने से
उफ् ये अदा आपकी और कायनात हो गई

लबो से लबो की बात कोई हुई ना कभी
बस आँखों ही आँखों में दिल की बात हो गई

आँखों ही आँखों में गुज़र जाती ये रात
कँवल की तो तन्हा सी हर रात हो गई
बबीता अग्रवाल #कँवल

Loading...