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28 Oct 2016 · 1 min read

गीत मिलन के गाते ✍✍✍✍✍✍✍

युग युग से गीत मिलन के गाते रहे है.
बन सिंगार एक दूजे का सजते रहे है.

.आँखो मे प्यार की तरूणाई अधरो पर .
प्यास ओस मधु अमृत सवारते रहे है.
हम तुम गीत मिलन———————-

हम प्रेमी जन्म जन्मान्तरों का साथ निभाते रहे
पृथ्वी पर आ हम तुम लोकाचार पाठ निभाये
जन मन की अभिलाषा आशाओं को पूरा करते
हम तुम जन मन की दीवाली दीप जलाते रहेगे.

डॉ मधु त्रिवेदी

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