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16 Aug 2016 · 1 min read

आजा सनम,,,

फिर एक तड़प
फिर एक रुसवाई है
आजा सनम
यादें मिलने आई है।

फिर एक सूनापन
फिर एक पुरवाई है
आजा सनम
जिंदगी मुरझाई है।

फिर एक ख़ामोशी
फिर एक तन्हाई है
आजा सनम
आँखें भर आई हैं।
,,,लक्ष्य

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