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29 Sep 2016 · 1 min read

टूट कर

टूट कर बिखरना तो आइनों की फितरत है मेरे यार,
बस तुम्हारी दुआओं की कशिश मुझे बिखरने नहीं देती।
कब तक ये टुकड़े इस सीने के सहेज कर रखूँ,
मौत सामने है पर जिंदगी मुझे मरने नहीं देती।

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इतना तो रहम कर मुझ पर ऐ दिलबर
तू मेरा यूं दिल दुखाना छोड़ दे।
और इतना भी नही होता तुझसे मेरे सनम,
तो एहसान कर और मुस्कुराना छोड़ दे।

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