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21 Jul 2022 · 1 min read

✍️मेरी जान मुंबई है✍️

✍️मेरी जान मुंबई है✍️
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कई अंजान खतरो से रोज गुजरता है ये शहर
नये हौसलो के साथ फिर जागता है ये शहर

इसकी हर सुबह ज़मी पे मुस्कान बिखेरती है
ग़मो की शामें लेकर सागर में डुबता है ये शहर

यहाँ भीड़ का शोर है अपने वजूद के तलाश में
पर रोज तन्हा ख़ामोशी में सुलगता है ये शहर

ऊँची इमारतों से ऊँचे अरमान है यहाँ इँसा के
बस्तियों की ख्वाइशों में भी बसता है ये शहर

‘अशांत’यहाँ सर उठाके के जीने का है रिवाज़
और झुके हुए गुरुर को भी नवाज़ता है ये शहर

यहाँ खुद का रुख जो बदले वो शाहरुख़ होता है
मेरी जान मुंबई है,जिंदादिली में जीता है ये शहर
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✍️”अशांत”शेखर✍️
21/07/2022
*शाहरुख-राजा

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