Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2016 · 1 min read

बिटिया रानी

एक अनलिखी अनपढ़ी कहानी हूं,
मैं जूही, चंपा व रातरानी हूं,

हंसता बचपन और गुड्डे गुङिया,
मैं तो बाबा की बिटिया रानी हूं,

बङी हुई तो रंगत गोरी निखरी,
पर मैं शापित व पीङित जवानी हूं,

वहसी नजरें, शोषित जीवन, दहेज,
पिता का झुका शीश, परेशानी हूं,

मेरी वजह से सहते बहुत बाबा,
क्या ईश्वर की भूल व नादानी हूं,

पर बाबा विश्वास करो, मैं कम कब,
मैं गौरव की अनसुनी कहानी हूं,

इंदिरा, कल्पना व नीरजा हूं,
मैं ही तो झांसी की मर्दानी हूं,

तेरे भाल का तिलक बनती बाबा,
मैं तेरी बिटिया बङी सयानी हूं,

पुष्प ठाकुर

460 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

दोहा पंचक. . . इच्छा
दोहा पंचक. . . इच्छा
Sushil Sarna
हिंदी दिवस पर ग़ज़ल
हिंदी दिवस पर ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बाल कविता: मेलों का मौसम है आया
बाल कविता: मेलों का मौसम है आया
Ravi Prakash
जा रहे हो तुम अपने धाम गणपति
जा रहे हो तुम अपने धाम गणपति
विशाल शुक्ल
दिल मेरा तोड़कर रुलाते हो ।
दिल मेरा तोड़कर रुलाते हो ।
Phool gufran
सूर्य देव के दर्शन हेतु भगवान को प्रार्थना पत्र ...
सूर्य देव के दर्शन हेतु भगवान को प्रार्थना पत्र ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
बहुत धूप है
बहुत धूप है
sushil sarna
मेरे  गीतों  के  तुम्हीं अल्फाज़ हो
मेरे गीतों के तुम्हीं अल्फाज़ हो
Dr Archana Gupta
वसंत - फाग का राग है
वसंत - फाग का राग है
Atul "Krishn"
दशकंधर
दशकंधर
*प्रणय*
"सँवरने के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
हर किसी से प्यार नहीं होता
हर किसी से प्यार नहीं होता
Jyoti Roshni
सजग  निगाहें रखा करो  तुम बवाल होंगे।
सजग निगाहें रखा करो तुम बवाल होंगे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सहगामिनी
सहगामिनी
Deepesh Dwivedi
ज़िंदगी के रंग थे हम, हँसते खेलते थे हम
ज़िंदगी के रंग थे हम, हँसते खेलते थे हम
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"बस तेरे खातिर"
ओसमणी साहू 'ओश'
नहीं समझता पुत्र पिता माता की अपने पीर जमाना बदल गया है।
नहीं समझता पुत्र पिता माता की अपने पीर जमाना बदल गया है।
सत्य कुमार प्रेमी
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
Govind Kumar Pandey
*स्वार्थी दुनिया *
*स्वार्थी दुनिया *
Priyank Upadhyay
जिंदगी और जीवन में अपना बनाएं.....
जिंदगी और जीवन में अपना बनाएं.....
Neeraj Kumar Agarwal
2507.पूर्णिका
2507.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"यादों की कैद से आज़ाद"
Lohit Tamta
संवेदनहीन नग्नता
संवेदनहीन नग्नता"
पूर्वार्थ
जूनी बातां
जूनी बातां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
सवाल सिर्फ आँखों में बचे थे, जुबान तो खामोश हो चली थी, साँसों में बेबसी का संगीत था, धड़कने बर्फ़ सी जमीं थी.......
सवाल सिर्फ आँखों में बचे थे, जुबान तो खामोश हो चली थी, साँसों में बेबसी का संगीत था, धड़कने बर्फ़ सी जमीं थी.......
Manisha Manjari
गंगा मैया
गंगा मैया
Kumud Srivastava
ईसामसीह
ईसामसीह
Mamta Rani
*निंदिया कुछ ऐसी तू घुट्टी पिला जा*-लोरी
*निंदिया कुछ ऐसी तू घुट्टी पिला जा*-लोरी
Poonam Matia
संघर्षों के राहों में हम
संघर्षों के राहों में हम
डॉ. दीपक बवेजा
मेरा समय
मेरा समय
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
Loading...