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20 Sep 2016 · 1 min read

कब तक चुप रहेगें

उरी आर्मी बेस हमले पर

कब तक चुप रहोगे
कितना गम खाओगें
जाँबाज हमारे मरते है
दिल्ली चुप ही रहता है

कभी समुद्री राह टेरते
कभी सरे आम सिर काटते
दिल्ली कुछ नहीं करती
बस हमलों की निन्दा होती

डरपोक कायर है कितने
झेलम की राह घुस आते है
वार सोतों हुए पर करते है
चार के बदले सत्रह मारते है

हम फिर भी चुप क्यों रहेंगें
मुँह तोड़ जबाब क्यों न देगें
दिल्ली कितने घावों को सहेंगी
क्यों न पलट जबाब देंगी

~~डॉ मधु त्रिवेदी ~~

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