ज़र्रे-ज़र्रे पे तेरा एहसास मुझे, ये क्या कम है,
ज़र्रे-ज़र्रे पे तेरा एहसास मुझे, ये क्या कम है,
हो कोई और तेरा, तू मेरा है; ये क्या कम है।
सुलझती जुल्फ़ों में हूँ, धड़कती साँसों में हूँ,
तुम्हारी दिली-दुआओं में हूँ, ये क्या कम है।
जब भी जगाते हैं, बुरे ख़्वाब आधी रातों में,
ख़यालों में आकर सुलाती हो, ये क्या कम है।
जाने क्यों परहेज है, मुझे भी नज़दीकियों से,
और तू भी आ के मिलता नहीं, ये क्या कम है।
दिल को यकीं है, हुस्नो-नूर ताउम्र रहेगा तेरा,
आख़िरी साँस तक रहूँ याद, ये क्या कम है।
यक-ब-यक रुकी धड़कनें, और मैं चला गया,
हमने उम्रभर छुआ नहीं तुम्हें, ये क्या कम है।