कुण्डलिया छंद !
!! श्रीं!!
सुप्रभात !
जय श्री राधेकृष्ण !
शुभ हो आज जादिन !
🙏
सावन प्रिय शिव को लगे, भक्तों को भी भाय ।।
काँवर लाते प्रेम से, प्रभु को रहे मनाय।।
प्रभु को रहे मनाय, कहाते भोली-भोले।
थक जाते जब पाँव, बैठ बस बम-बम बोले।।
भक्तों को प्रिय नाम , लगे शिव का मनभावन।
काँवर लाते भक्त, माह जब आता सावन ।।
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महेश जैन ‘ज्योति’_
मथुरा !
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