अपना देश महान
नज़्म …
उन्वान _ अपना देश महान
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किसान का है मान ,
भारत देश महान …
देश का कोई नागरिक छूट ना जाये ,
हर प्राणी पर दुखदायी आपदा आये ,
कैसी आयी है यह सरकार ,
किया है कितना अत्याचार ..
नोट बदल कर किया प्रहार ,
उस पर जी.एस.टी.का वार..
महिलाओं को खूब सताया ,
मज़दूरों को भी है नचाया ..
लाकडाउन से धंधा तोड़ा ,
मारा बीमारी का हतौड़ा …
बच्चों को तुमने ना छोड़ा ,
शिक्षा को तोड़ा मरोड़ा ..
पिछली सरदी शाहीन बाग़ ,
ये सरदी किसान के नाम …
कितना और सताओगे ,
किस किसका लहू बहाओगे ..
देश को कितना गिराओगे ,,
किसान को तुम सताओगे ..
जनता ने सौंपा है राज, ..सरकार ..
बात किसान की मान भी जाओ …
जनता का अब रखो भी मान …
किसान देश का है अभिमान …
बंद हुए स्कूल हजारों ,
शिक्षा कैसे पाएं यारों …
जिस देश में थे बड़े बड़े विद्वान ,
दिखे नहीं अब किसी में ज्ञान …
देखी थी आंधी हमने ,
लेकिन ऐसी न देखी थी ..
पूजा घर का चैन गया ,
मस्जिद मंदिर टूट गया …
बुलडोजर ने किया कमाल,
मजदूरों ने किया बवाल …
घर छीन के राजा खुश होता ,
अब किसको किसका दुख होता ,,
जूझे अब सभी परिवार ,
आया है एस आई आर ।
सब अपने में ही उलझ गए ,
लगता है मसले सुलझ गए …
पर ऐसा कुछ नहीं हो पाया ,
खाना मिल कर हुआ पराया ,
कहीं मिले सोने की कान ,
जय जवान , जय किसान …
नीलोफर ख़ान नील रूहानी