कुण्डलिया छंद !
!! श्रीं !!
सुप्रभात!
जय श्री राधेकृष्ण !
शुभ हो आज का दिन!
🙏
जिस घर में नारी पुजे, वह घर स्वर्ग समान।
वहीं रमणते देवता, वहीं मिलें गुण ज्ञान।।
वहीं मिलें गुण ज्ञान, ऋद्धि और सिद्धि विराजें।
भरें रहें सब कोष, दुंदुभी सुख की बाजें।
कहे ‘ज्योति’ शुभ कर्म, बसें सब नर के कर में।
वह घर है बैकुण्ठ, पुजे नारी जिस घर में ।
***
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा।
🌷🌷🌷