#पैरोडी-
#पैरोडी-
■ जो बांटेगा खूब रेवड़ी…।।।
【प्रणय प्रभात】
“रामचन्द्र कह गए सिया से, ऐसा टाइम आएगा।
जो बांटेगा खूब रेवड़ी, वही गज़क पा जाएगा।।
● पग-पग पर फोकटिए होंगे, मोड़-मोड़ पर खैराती।
मुफ़्तखोर सब चौराहों पर, खोल खड़े होंगे छाती।
ये जिसके दरबारी होंगे, किंग वही कहलाएगा।
जो बांटेगा खूब रेवड़ी, वही गज़क पा जाएगा।।
● अपने हाथों बंधवा लेगा, सरकारी धन से राखी।
बिना हया के जो बांटेगा, मुस्टंडों को बैसाखी।
वो भाई क्या मामा, मौसा, फूफा तक कहलाएगा।
जो बांटेगा खूब रेवड़ी, वही गज़क पा जाएगा।।
● हर दिन एक घोषणा कर के, कीर्तिमान सब तोड़ेगा।
नीचे वालों के मजमे में, ऊंची-ऊंची छोड़ेगा।
घड़ियाली टसुए टपका कर, झोली जो फैलाएगा।
जो बांटेगा खूब रेवड़ी, वही गज़क पा जाएगा।।
● नकटाई में अव्वल होगा, शातिर जो शैतानी में,
गुड़ अपनों को बांट गुलगुले, रोज़ तलेगा पानी में।
काठ की इक हांडी चूल्हे पर, बारम्बार चढ़ाएगा।
जो बांटेगा खूब रेवड़ी, वही गज़क पा जाएगा।।
● बरगद बन अपने साए में, दूब नहीं उगने देगा।
काटे बिना पूंछ-पर दोनों, चिड़िया ना चुगने देगा।
घास दिखा कर के घोड़ों को, गदहों को खिलवाएगा।
जो बांटेगा खूब रेवड़ी, वही गज़क पा जाएगा।।
● हंसराज हाथी सा खाऊ, पोपट सोच पलीता सी।
जिसके लिए विपक्षी अय्यर, सत्ता सिर्फ़ बबीता सी।
जेठा के साले सुंदर सा, चूना सदा लगाएगा।
जो बांटेगा खूब रेवड़ी, वही गज़क पा जाएगा।।”
😀😀😀😀😀😀😀😀😀
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
(मध्यप्रदेश)