अछि मिथिला हमर पहिचान
अछि मिथिला हमर पहिचान
हम ओइ धरतीक वासी छी
जकर स्वयं छथि सिया संतान
हम गामक अभिलाषी छी
अछि मिथिला हमर पहिचान
रही हम कतहु देशक कोनो कोन मे
पटना, दिल्ली आकि मुम्बई दूर
मुदा हृदय मे सदिखन राखै छी
मिथिला संगहि जिला समस्तीपुर
जतय करियन के पावन डीह पर
बाबा उदयनाचार्य केर स्थान
हम गामक अभिलाषी छी
अछि मिथिला हमर पहिचान
खेत – पथार मे लहलाइत फसिल
छै खिलखिलाइत सदा ई धरती
कमला- करेह स्नेह बरसाबै छै
सोना उगलै छै एहिठाँ परती
अन धन लक्ष्मी सँ भरल रहै छै
गामक सभ खेत – खरिहान
हम गामक अभिलाषी छी
अछि मिथिला हमर पहिचान
पलायन सँ गाम उजैड़ रहल छै
मुदा एखनो अछि बहुते शेष
रोजी – रोटी गामो मे भेट जायत
चलू घुरिकय ओतय नरेश
खेती संग उद्योग करब मिलिकय
फेर हेतै सुखद सन विहान
हम गामक अभिलाषी छी
अछि मिथिला हमर पहिचान
~© N Mandal – एन मंडल